आकाश का ताना सुन लिये, ज़मीं की गाली भी सुन लेगे। रिश्तेदारों के राग सुन लिये, महबूब की क़व्वाली भी सुन लेगे। बदले की ख्वाहिश क्या ही रखे, इन झूठे-बदलते लोगों से। इनकी शराफत की दास्तान सुन लिये, झूठी कहानी भी सुन लेंगे ।
मेरे प्रेम को तू प्रेम ही रख पर तेरे प्रेम को क़यामत लिख। तू राहें बदल मंजूर मुझे पहले मेरे दिल की ज़मानत लिख। हां एक वादा जरूर चाहिए, तुम कभी इन लम्हों को याद नहीं करोगे। अरे....... । तुम्हारे वादों का क्या इसलिए इन यादों को भी मेरी अमानत लिख।