एक तरफ ख़ुशी थी और एक तरफ गम था।
ख़ुशी का पलड़ा भारी होने के कारण गम का कोई मोल न था।
गम की आँधी आई लेकिन ख़ुशी का तूफान भी कम न था।
गम के कारण एक परिवार रोये जा रहा था तो दूसरी तरफ दूसरा परिवार खुशियों का आंगन बोये जा रहा था।
आखिर एक माँ को लड़के होने की ख़ुशी थी तो दूसरी माँ को लड़की होने का गम सताए जा रहा था।
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