तुम्हारे साथ ही मेरा श्रींगार है
अन्यथा मुझे देखता कौन है.!-
पता नहीं किसने किसको छुआ है
पर प्यार दोनों को हुआ है,
भांग का नहीं पर नशा ज़रुर चढा़ है
बेहद हसीन मुहोब्बत का रंग चढा़ है ..!!-
कहते है प्यार में निन्द नहीं आती
कहते है प्यार में निन्द नहीं आती,
पर वह ख्वाब बडे़ हसीन दिखाता है ..!!-
भगवान तो मंदिरो में मिल जाते है,
खुद को ढुंढने कहाँ जाए,
ज़मिन तो आसमान से मिल जाते है,
सच्ची मुहोब्बत ढुंढने कहाँ जाए ..!
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बचपन में खेल कुद
और खेल कुद में बचपन गुज़र जाता है,
अब तो ज़िन्दगी हमे
अब तो ज़िन्दगी हमे
और हम ज़िन्दगी को सुलजाते है ..!!-
मेरी यादों पे है कब्ज़ा तुम्हारा
पर ख्वाबों में मुलाक़ात नहीं होती,
दिल की दिवारो पर तुम्हारा ही नाम है
मगर ज़ुबा हमेशा खामोश ही रेहती ..!!-
मेरे खयालों को यू पकडो़ न तुम
उम्र भर चाहे कैद मे रख लो मुझे ..!!-
sitting on the bench of the classroom you went to.
Nostalgic enough to make your eyes shine with tears and lips smile by recalling those memories.-