VIKALP SAHAI   (विकल्प सहाय)
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Joined 17 July 2020


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Joined 17 July 2020
29 OCT 2020 AT 22:59

चलो फिर हौले से मुस्कुराते है,
बिना माचिस के ही लोगों के दिलों को जलाते है।।।

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21 OCT 2020 AT 23:55

किसी पे भरोसा करे भी तो कैसे, जब आपके अपने दोस्त ही आपके पीठ पीछे आपके खिलाफ साजिश कर रहे हों।।।।

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12 OCT 2020 AT 22:57

Never allow the insecurities of others dull your sparkle..... Always shine like the star you are born to be.....

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2 OCT 2020 AT 22:18

वक़्त दिखाई नहीं देता मगर लोगों का चरित्र दिखा देता है।।।।

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1 OCT 2020 AT 21:59

कुछ वक़्त तक तो उनसे बात होती रही फिर, वो अपने काम में मसरूफ़ होते चले गए मुझे यूहीं याद आते चले गए।।।।

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30 SEP 2020 AT 23:13

अभी मैं हूँ इसलिए कद्र नहीं है तुम्हे मेरी.... मगर याद रखना जिस दिन मुझे खो दोगे उस दिन मुस्कुराते हुए भी रों दोगे।।।।।

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28 SEP 2020 AT 22:27

अभी तो मेरी आवाज़ से भी तुम्हे परेशानी हो रही है लेकिन एक वक़्त आएगा जब मेरी खामोशी भी तुम्हे रुलाएगी।।।।।।

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26 SEP 2020 AT 21:00

बहुत शौख था मुझे सभी लोगों को खुश रखने का.... समझ तो तब आया जब खुद की ज़रुरत के वक़्त खुद को अकेला पाया।।।।।।

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24 SEP 2020 AT 23:02

मुझे अकेले रहना नहीं आता था इसलिए, कुछ लोग मुझे यही सिखाने मेरी ज़िन्दगी में आ गए।।।।

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23 SEP 2020 AT 22:56

मुझे लोगों से नफ़रत नहीं है बस अकेला रहने की आदत हो गई है।।।।।।

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