QUOTES ON #NEWINDIA

#newindia quotes

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26 FEB 2019 AT 19:16

वो बात अलग थी जब हम सत्य अहिंसा के नारे चिल्लाते थे
थप्पड़ खाने के बाद हाथ नहीं उठाते थे
इस नारे को इतिहास में अब हम दफनाएंगे
जैसे के साथ तैसा करना फिर से दोहराएंगे
और नए भारत के निर्माण में कुछ ऐसा योगदान दे जाएंगे
आखिर कब तक पाकिस्तान आतंकियों को ठहरायेगे
आखिर कब तक हम उनको सबूत दिखाएंगे
अब बहुत हुआ
इस बार उनके घर में घुस के indian airforce ने आतंकवाद का विनाश किया
और उन्हें नए भारत के निर्माण से अवगत किया

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28 DEC 2018 AT 16:45

नए साल में ज्यादा कुछ नहीं चाहिये
बस इंसानो में थोड़ी इंसानियत चाहिए..!
रिश्वतों के भूखे लोग बहोत है यहाँ,
प्रमाणिकता की कुछ छींटे भी चाहिए..!
गंदकी फ़ैलाने लोग बहोत है यहाँ,
स्वछता लाने की थोड़ी नियत भी चाहिए..!
रावण बनने को लोग बहोत है यहाँ,
सीता को बचाने वाले राम भी चाहिए..!
बेटे को चाहने वाले लोग बहोत है यहाँ,
बेटियों को चाहे ऐसा परिवार भी चाहिए..!

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25 OCT 2020 AT 18:16

काश इस दशहरे कुछ नया किया जाए
पुतलों की जगह बलात्कारियों को जलाया जाए..

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1 FEB 2021 AT 12:56

ना जाति धर्म की बात हो,
ना अमीर गरीब का भेदवाव हो,
ना सिर्फ़ पैसो वालो का राज हो
चलो बनाते है नये भारत को ऐसा,
जहाँ हर एक नागरिक एक समान हो।

ना बच्चा मजदूरी को मजबूर हो,
ना औरत सुरक्षा से दूर हो,
ना सिर्फ़ ये वादा करने की बात हो,
चलो बनाते हैं नये भारत को ऐसा,
जहाँ हर एक नागरिक एक समान हो।

हर नदियों का पानी स्वच्छ हो,
हर घर में शिक्षा अनिवार्य हो,
बढ़ोतरी में हर नागरिक हिस्सेदार हो,
चलो बनाते है नये भारत को ऐसा,
जहाँ हर नागरिक एक समान हो।

दहेज की प्रथा का बहिष्कार हो,
समलेंगिकता का ना कोई उपहास हो,
बड़ते रहे वीर जवानों का सम्मान,
चलो बनाते है नये भारत को ऐसा,
जहाँ हर एक नागरिक एक समान हो।

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हंसते हैं अपनी-अपनी बहनों को घर सलामत देखकर
दूसरों की बहनें लूटी जाती हैं तो लुट जाने दीजिए।
कब तक जलती रहेगी यह आग उस छोटी सी बस्ती में
उधर से निपट के इधर भी आएगी थोड़ा सब्र कीजिए।

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17 SEP 2020 AT 16:53

😍सदैव देश का
मान बढ़ाया, किया
सैनिकों का सम्मान
प्रिये...🤘🏻
🤞🏻देश के लिए
परिवार भी छोड़ा,
सदियों याद रखेगा
हिंदुस्तान प्रिये...🤗

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30 MAY 2019 AT 20:22

चलो आज मोहब्बत को छोड़ कर कुछ ओर बात करते है ....
क्यू ना हम अपनी मानसिकता बदलते है ....

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2 JUL 2018 AT 19:33

भारत का नया भोर है ,बलात्कार का दौर है ,
मासूम भी अब सुरक्षित नही , ये कैसा नया शोर है ।

हवस की ऐसी भूख है , मदहोश में कैसे चूर है ,
एक मासूम का दर्द दिखा नही , ये कैसा सुरूर है ।

नोंच लिया दरिंदो ने ,छीन-भिन्न कर दिया चंचल मन ,
खlता उसकी इतनी थी ,टॉफी पे ललचाया मन ,
फिर अंधकार के दलदल में पाया उसने खुद का गम ।

नन्ने-नन्ने हाथो से वो करती रही लाख जतन ।
पर जीत ना पाई दरिंदो से ,
शत- विक्षिप्त हो गया उसका हर एक अंग ।

मासूम मन पूछ रहा है, असमंजस में खोज रहा है ,
तुमको मामा समझा मैंने ,अपनों सा कोई जाना मैने,
भूल हुई मुझसे कैसी , जो हाथ तुम्हारा थामा मैंने ।

कोमल तन छलनी हो गया ,चंचल मन ख़ौफ़ में खो गया ,
दर्द बहुत होता है ,मन भी रोता है ,असहाय पीड़ा होती है ।

माँ से ये दरख़्वास्त है ,
सुनी आंखों को बस अब यही आस है ,
जन्म दिया तूने मुझको ,अब मौत का उपहार दे मुझको ..

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1 OCT 2020 AT 20:17

"आज जुर्म को छिपाना बड़ा आम हो गया
झूठ ही उनका स्वाभिमान हो गया... "

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9 JUL 2020 AT 12:17

' सदी '

( अनुशीर्षक में पढ़े)

©jean

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