मुंशी प्रेमचंद को सत सत नमन..!!
🙏🙏
दिल को छु जाए कुछ
ऐसे जज़्बात लिखते थे
कुछ हम सब की कहानी में है
जो प्रेमचंद की जुबानी में है!!
read the caption-
Life is not a beautiful poem by John Keats; it is an account of struggles by Munshi Premchand.
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मेरी नजर में मुंशी प्रेमचंद.....
मुंशी प्रेमचंद जी को मैंने कई रूपों में पढ़ा जैसे गोदान, पूस की रात,दो बैलों की कथा। प्रेमचंद जी की कहानियां और उपन्यास दिल को छू जाने वाले होते हैं। मुंशी जी की कथाकारी और उपन्यासकारी की खास बात यह है कि उनकी कथाएं और उपन्यास पढ़ते वक्त वह कथा एक रेखाचित्र लेकर प्रस्तुत हो जाती है। और उन्हें पढ़ते-पढ़ते ऐसा लगता है कि हम उसी कहानी का एक पात्र हैं एकदम जीवित कहानियां!! प्रेमचंद जी एकमात्र ऐसे उपन्यासकार थे जिन्होंने किसानों की समस्याओं का ऐसा चित्रण किया जो बिल्कुल ही दयापूर्ण है मुंशी जी की कहानियां बहुत ही मार्मिक होती है। जमीन से जुड़े होने के कारण उनकी कहानियां बहुत पसंद आई। कहानियां कुछ इस प्रकार होती है कि गांव वालों को तो समझ आ जाती है पर चित्रण हीं कुछ इस प्रकार होता है कि फाइव स्टार जीवन जीने वाला भी सोचने लगे? मुंशी जी बहुत ही सरल सहज व्यक्तित्व के धनी थे।हमारे स्कूली जीवन में मुंशी जी की कहानियों को पाठ के रूप में पड़ा।यह हमारा सौभाग्य है ।और हम मुंशी जी की रचनाओं को हम आगे भी पढ़ते रहेंगे।
धन्यवाद!!-
"जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे,
आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले,
हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा
सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प
और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची
दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है
वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।"
■■ कलम के सिपाही■■
मुंशी प्रेमचंद( जन्म 31जुलाई 1880)-
Amazing novelist he portrayed Indian middle class and lower class so beautifully as it was his own story each and every story so heartfelt.
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धर्म और ज्ञान दोनों एक हैं
और इस दृष्टि से संसार में केवल एक ही धर्म है।
हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, यहूदी, ये धर्म नहीं हैं,
भिन्न - भिन्न स्वार्थों के दल हैं,
जिनसे हानि के सिवा आज तक
किसी को लाभ नहीं हुआ।
लेखक ☞ मुंशी प्रेमचन्द
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कुछ मेरी नजर ने उठ के कहा कुछ उनकी नजर ने झुक के कहा
झगड़ा जो न बरसों में चुकता, तय हो गया बातों - बातों में।-