Chandresh Lilhare Bharat   (©चंद्रेश"भारत")
2.1k Followers · 753 Following

read more
Joined 7 March 2020


read more
Joined 7 March 2020
2 NOV 2023 AT 21:54

मैं बावरी सी बन गई

जब से मिले हो तुम
ऐसा लगा मुझे मेरी ज़िंदगी मिल गई

-


16 MAY 2023 AT 22:11

विविधता है जहाँ की जीवों में , वहाँ समृद्धि की खान है

छत्तीसगढ़ की जैव विविधता का,पूरी दुनिया में बखान है

Name - Chandresh Lilhare
Mobile no. 7869462860

-


6 JAN 2023 AT 19:32

हर लम्हा ज़िंदादिली से जीने की सिफारिश की है

खुशियों की उम्र लम्बी हो,बस यही ग़ुज़ारिश की है

-


31 DEC 2022 AT 12:57

धीरे -धीरे ये साल गुज़र गया
पता नहीं चला और वक़्त निकल गया

कोई अपने हमसे दूर हो गये
कोई दिल के क़रीब हो गये

हर साल ज़िन्दगी
नई मोड़ लेकर आती है
कुछ अनकही बातें
हमें सीखा कर जाती है

कुछ अनसुलझे तो सुलझ गये
पर कुछ धागे थे थोड़े उलझ गये

साल गुजर जाता है,वक़्त गुजर जाता है
बस रह जाती है कुछ यादें

और यही यादें ताउम्र हमारे
साथ रहती है...
कुछ मीठे.. कुछ कड़वे..

नये साल में हम फिर से मिलते है
नयी उम्मीदों से...
नये सफ़र...नये लोग...नयी यादों...से...

-


23 NOV 2022 AT 19:21

"शाम एक कविता है
जिसकी धुन मन को
सुकून दे जाती है.."

-


12 NOV 2022 AT 9:57

"यदि जीवन में
कोई एक चीज न मिले
तो जरूरी नहीं हम दूसरे चीजों
को भी नज़र अंदाज़ करें
जीवन तो एक प्रवाह है"

-


29 AUG 2022 AT 11:44

विपत्तियों ने ललकारा है जब

-


27 AUG 2022 AT 0:58

चल रहा है काँटो में
रग़ों में दौड़ रही लहू की धार

खुद है,,जो खुद की भाग्यविधाता
फिर ,,,काहे की हार

-


12 AUG 2022 AT 8:35

अमूल्य होने के लिये
बहुत बड़ा मूल्य चुकाना
पड़ता है

-


9 AUG 2022 AT 17:56

"शब्द"

जिसने शब्द को पहचाना है
उसने जीवन को जाना है

मन के भावनाओं को,
अपनी संवेदनाओं को
चुनिंदा शब्दों से ख़ुद को
बारीकियों से तराशता है

जीवन के मर्म को
दूसरों के दर्द को
अपने तजुर्बों से शब्दों को
धागों की तरह बुनता है

जिसने शब्द को पहचाना है
उसने जीवन को जाना है

-


Fetching Chandresh Lilhare Bharat Quotes