किसी मासूम दिल के साथ
खेलने का अंजाम अच्छा नहीं होता।
खुशियां देकर सौगातों में दर्द देना
अच्छा नहीं होता।
अनजाने में होता तो माफ था
जानबूझकर भावनाओं से खेलना अच्छा नहीं होता।
यूं ही अपना किसी को कहो मत
अपना बनाकर उनसे खेल खेलना अच्छा नहीं होता।
खेलो तो खिलौनों से
इस उम्र में इंसानों से खेलना अच्छा नहीं होता।-
उसके चेहरे की चमक
चांदनी की तरह झरती है
जब भी दीदार करूं मैं
उसके चेहरे से नजर हटती नहीं है।-
तुम्हें इश्क मुहब्बत से फुर्सत मिले तो
कभी देश के बारे में सोचना।
कौन है अपना कौन पराया इस बात का
ख़्याल रखना।
जिनके लिए मानवता मर गई
ऐसे लोगों से दूर ही रहना।
दिल्लगी और दोस्ती से पहले
तुम लोगों का दिमाग जरूर परखना।-
मैंने देखा.....
आतंकवाद पर
एक वर्ग को रोते हुए
और दूसरे वर्ग को खामोश होते हुए ।
दुश्मन की दुश्मनी से ज्यादा
हमें अपनों की खामोशी खलती है।
आर पार की इस लड़ाई में
या तो आप हिंदुस्तानी हैं
या फिर दुश्मन के साथी
और आप की खामोशी साफ बयान करती है
आपकी ये वतनपरस्ती।
" पहलगाम terror attack"-
तुम्हारी मुस्कान ने मेरे मन को यूं मोहा है
भूला मैं दुनिया, दिल की धड़कन में नाम तुम्हारा है।-
और अन्तत:
मैंने देखा ये एक खेल है।
भावनाओं का
अहमियत का
शब्दों का
अपनेपन का,
जो सिर्फ एक भ्रम है
यथार्थ नहीं।
ये खेला
जो सर्वत्र है
और हम समझते हैं
उनके लिए हम अहम हैं।-
तुम उस खूबसूरत गीत की तरह हो
जिसका हर अल्फ़ाज़ खूबसूरत है
जिसकी हर तान मधुर है
जिसका हर सुर अनमोल है
जिसे सुनकर
उसमें खो जाते हैं
और संगीत बीत जाने के बाद
जो बाकी रह जाता है
वो है तुम्हारी खूबसूरत उपस्थिति।-
अगर कहीं दिल लग जाए
तो फिर
कहीं और दिल लगता नहीं
और जो दिल को भा जाए
वो किस्मत में मिलता नहीं।-