मेरी कोई ऐसी तमन्ना नहीं जग जाहिर हो मेरा प्यार
बस तुम जानो मेरी बेइंतेहा मुहब्बत क्योंकि तुम हो मेरा सारा संसार।-
तुमने यूं
मुझे अपना बनाया है
मेरे जर्रे जर्रे में
तेरा एहसास समाया है।
तुमने पूछा
इतना लगाव क्यूं मुझसे
मैंने खुद को
तुझमें पाया है।
नेमत हो तुम
ऊपर वाले की
मैंने तुझमें
रब को देखा है।-
तुम पर ऐतबार
बेशुमार है
तुम्हारे हर लफ्ज़ पर
अटूट विश्वास है।
बस बात इतनी सी है
जाना
तुम
सीधी सच्ची प्रिय
और ज़माना
खराब है।-
वो जिंदगी मौत से जूझ रही थी
तब फिक्र नहीं थी कौमी हुक्मरानों को
उसने चुना हमसफ़र जो साथ था उसके
क्यों मिर्च लगी मजहबी ठेकेदारों को।
(Must Read Caption )
शादी की बहुत बहुत शुभकामनाएं हिना और रॉकी को
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इश्क मुहब्बत शादी का ढोंग मत करना
इंसान की जां कीमती है, उसे तबाह मत करना।-
एक प्रेम के अनेक रूप होते हैं,
कभी शहद सा मीठा
तो कभी मिर्च सा तीखा होता है।
कभी बर्फ सा शीतल तो
कभी अंगार सा दहकता है।
प्रेम में विश्वास होता है
पर दिल महबूब से कुछ आस भी रखता है।
दिन भर भले दोनों व्यस्त रहें
रात को महबूब का इंतेज़ार होता है।
उसके साथ गुजारा एक लम्हा भी कीमती
तो कभी सारा जीवन कम लगता है।
उस मालिका-ए-हुस्न का एक जर्रा भी
वो पागल दीवाना सारी दुनिया
से छुपा कर रखना चाहता है।-
किसी ने मुझसे कहा - लेखक का धर्म नहीं होता
मैंने कहा - लेखक का धर्म होता है,
उसकी अपनी एक संस्कृति होती है
उसकी पारिवारिक, धार्मिक जड़ें होती हैं
जो झलकती है उसके संस्कारों में, उसके अल्फाजों में
उसके विचारों में।
एक उत्तम लेखक या इंसान वही है
जो अपनी संस्कृति से जुड़ा रहे और धर्म का सम्मान करे
उसके लेखन से उसकी सारी पृष्ठभूमि झलके।
और कायर हैं वो लोग
जो छुपाते हैं अपनी पहचान
शर्माते हैं अपनी संस्कृति पर
और कहते हैं खुद को धर्म निरपेक्ष।-
सजा है नाजुक दिल का होना
गुनाह है खुद को अंधेरे में रखना
लाज़िमी है रिश्तों, लोगों का बदलना
मुश्किल है यहां किसी पर ऐतबार करना।-
एक उम्र गुजार दी तुम्हारे इंतेज़ार में
तुम मिली तो भी उम्र गुजर रही इंतेज़ार में.....-