Satyam Dubey  
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Joined 21 October 2019


Joined 21 October 2019
27 APR AT 1:48

बुरे से बुरे वक्त में भी मैंने मुस्कुराना नहीं छोड़ा
टूट कर बिखरे कई दफा मगर, मंजिल पर चलना नहीं छोड़ा।

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24 APR AT 2:14

साथी
इतने कि
काफिला है

तन्हाई
इतनी कि
खामोशी का भी
दम घुट जाए।

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23 APR AT 20:12

A short story - " Hanuman Jayanti"

They were talking in evening , evening was very beautiful and pleasant

He- what R u doing
She- I'm cooking
Pudi, paneer's vegitable and kheer.

He-wow, ( he felt her purity, happiness that dissolving in environment and he felt that)

After many years
On this auspicious day
He still thought
that she was cooking same things
With same happiness nd emotions...

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23 APR AT 14:24

जिनके रोम रोम में
श्री राम बसते हैं
जिनकी कृपा से ही
श्रीराम मिलते हैं।

जिनकी दया करुणा से
चराचर जीव निश्चिंत जीते हैं।

जो साधुसंत के रखवाले हैं
जो सियाराम के अति प्यारे हैं।

जिनकी भक्ति सुन,
नेत्रों से अश्रु झरते हैं

जो ज्ञान, बुद्धि, बल, विनय
भक्ति, सिद्धि के दाता हैं
जिनकी उपकारों से
निहाल संसार सारा है।

जिनकी महिमा, प्रताप
हर युग में व्याप्त है।
उन महावीर,
रुद्र के अवतार
को कोटि दंडवत प्रणाम है।

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23 APR AT 0:24


मैं चाहता हूं
कोई मिले मुझे
मुझ जैसी शख्स

और वो देखे मुझे
जैसे मैं सबको देखता हूं।

वो समझे मुझे
जैसे मैं सबको समझता हूं।

वो चाहे मुझे
जैसे मैं लोगों को चाहता हूं।

वो साथ निभाय मेरा
जैसे मैं साथ निभाता हूं।

कोई मिले
मुझ जैसी शख्स।

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20 APR AT 0:54

किस्मत का लेखा
आखिर कौन मिटाएगा
जो भी साथ आएगा
एक दिन बिछड़ जाएगा।

बैठा हूं
जहां
ये ठिकाना
भी हमसे छूट जायेगा

क्या पता था
जिन्दगी की राह
चलते चलते
अपना घर भी
हमसे पीछे छूट जायेगा?

कहने को साथ है
जमाना मगर
आखिर कब तक ?
एक दिन
हर शख्स हमसे
बिछड़ जायेगा।

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17 APR AT 2:10

हमारे प्रभु 🙂

मेरे राम 🙂🙏

(Read in caption)

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15 APR AT 0:39

कुछ लोग
वक्त के साथ
छूट जाते हैं...

कुछ वक्त  के साथ
बदल जाते हैं।

कुछ लोग
दिल से निकल जाते हैं
कुछ नजरों से गिर जाते हैं

और इस तरह
लोग और रिश्ते
बदल जाते हैं।

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13 APR AT 1:53

वो शख्स
अब सोने की तरह
कीमती हो गया है....

मुझे कीमती चीजों का
शौक कभी रहा नहीं।

जब तक सादा था,
तब तक अच्छा था।

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12 APR AT 3:03


मेरे नेत्रों से अश्रु झरते हैं.....
जब ये कर्ण तेरे वृंदावन की महिमा सुनते हैं।

ऐसे आना नहीं चाहते तेरे दर
हम उस रज में मिल जाना चाहते हैं ।

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