ना मैं इन्हें शक्ल से पहचानती ना है मेरी सगे - संबंधियो से पर रिश्ता इनसे इतना गहरा है ये तारीफ करती मन को भाता दिखा के गलतियां सदैव मुझे सुधारा है बेहद प्यारी मुझे मेरी शिक्षिका दीप्ति नाम इन्होंने अपने कर्मो से है पाया दीप तेरी दीप्ति सतत - अनवरत रहे सभी की जिंदगी तेरी रौशनी से यूँ ही रोशन रहे ..!!
कोई आँखों से काजल भी चुरा ले तो ख़बर ना हो, यहाँ हम इक नज़र देखें भी तो वो भाँप लेते हैं। Koi aankhon se kaajal bhi chura le toh khabar na ho, Yahaan hum ik nazar dekhein bhi toh wo bhaanp lete hain.