Neha Mishra   (NEHA MISHRA)
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मशहूर होना मेरा शौक नही..
मशरूफ होना मेरा शौक है..!!
Joined 22 October 2017


मशहूर होना मेरा शौक नही..
मशरूफ होना मेरा शौक है..!!
Joined 22 October 2017
4 DEC 2021 AT 18:36

आ ही गई वो घड़ी सुहानी
जब बजनी है तेरे घर कल
शहनाई ढोल मंजीरे तबले
की तान सब मिल करेंगे
कल मंगल-गान अरे महक
उठेंगी सभी वादियाँ
जब आएँगे तेरे राजकुमार
जिंदगी तेरी जश्न सी हो
जिसमें हर खुशियों की
रंग ही रंग हो...

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20 NOV 2021 AT 23:12

जब जहाँ हो धैर्य और सुकून
के साथ हर पल जिओ
पता नहीं फिर वो पल
मिले ना मिले...!!

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11 FEB 2021 AT 18:19


स्तब्ध हूँ क्योंकि शब्द मौन हैं...!!

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6 AUG 2020 AT 20:51


कुछ दोस्त मिले नई दास्तान बनी
कुछ सपने जीवंत हुए
तो कुछ हौसलों को उड़ान मिली
कई अपने ने अपनों से
बढ़ कर प्यार दिया
कईयों ने जिंदगी के
हर एक पल को गुलजार किया
कुछ मिलते ही अंतर्मन में बसे
कुछ ने दोस्ती का हर
एक मतलब समझाया
पता नही ये बहार जिंदगी
में फिर से कब आए
इसलिए सोचा आज दोस्तों
की यादों में खो जाए...!!😊😊










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24 MAY 2020 AT 18:19

मात - पिता के बाद
मात - पिता जितना
ही प्यार दिया
भूले से भी कभी ना
दूसरों सा व्यवहार किया शादी के "पच्चीस बसंत" के
हर उतार - चढाव को
जिसने हँस के पार किया
बड़ी हिम्मती और मर्यादित
है ये जोड़ी जिसने स्वाभिमान
से अपना हर एक दिन गुलजार किया
भगवान बड़ी कठिन परीक्षा ले ली इनकी
अब इनको खुशियों से आबाद करो
बने रहे यूँ ही इनकी जोड़ी सदा
मेरी इतनी प्रार्थना स्वीकार करो..🙏🙏

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11 FEB 2020 AT 23:06

मेरे Yq के दोस्तों प्लीज आ जाओ 😶😶

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8 FEB 2020 AT 18:50

अब ना है कोई रुकने को तैयार😢
क्यों भेजने में लगे सभी यहाँ😕
कोई तो रोक लो ज़रा😐
क्यों शहनाई बजने को है तैयार👰
क्यों ऐसा लग रहा🤔
जैसे सब - कुछ छुट रह😚
अंदर - अंदर सब टूट रहा😗

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17 JAN 2020 AT 19:50

हर बार की तरह
हम ही फरेबी हो गए
इल्जाम के कटघरे में
मुकदमा हर शख्श
ने किया था
हर दलीलें रुस्वा कर रही थी
खुद को खुद की ही
नजर से तौल रहे थे
साफ - सच्चा मन का होना
आज कल किसी अपराध सा है
मत करो अब ये खता की
इल्जाम - सहन का न अब
हिम्मत ही बचा है..!!

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12 JAN 2020 AT 19:55

सुंदर चेहरे के साथ
सुंदर मन अजीब लगता है
पर ऐसा वाकई होता है
अब ये मेरा भी मन कहता है
चाँद की छठा , बच्चे सी मुस्कान
अधरों पे जिसके माँ शारदे की तान
चेहरे से शांत, अभिमान का न वास्
रूप - गुण का है समन्वय जिनमें बेहद खास
ईश्वर द्वारा शायद फुर्सत में ही उकेरी गई
जिनका "शालिनी काश्यप" है नाम

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3 JAN 2020 AT 17:20

बदलाव की बयार बहती है बहे
शब्द की कमी ही है शायद होठों पे
रफ़्तार तो ज़िन्दगी की बनी हुई है
पर वक्त्त - वक्त्त की ही बात है
कभी भीड़ में आप ग़ुम होते हो
और कभी उसी भीड़ में "अकेले"...!!


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