खुली जुल्फ़ें सोख नज़रें 'नाज़-ओ-अदा-ओ-जवानी' के साथ
महजबीं का हुस्न है इस बार पूरे 'जल्वा-सामानी' के साथ
वो तुंद शोले सुर्ख़ आहन खुलने लगें कुफ़्ल दहानों के
पलकें तेरी जब झुके हैं झुके 'अज़ाब-ए-आसमानी' के साथ
रक़्स करते हैं मुस्कुराते हैं वो देखते हैं के कोई देखता न हो
ख़ुद को सजाया करते हैं आईने में जब नादानी के साथ
'तेग-ए-नज़र' उनकी टकराती है जब जब मेरी निगाह से
गोया दरिया मिलते हों मुसल्सल बढ़ती तुग्यानी के साथ
शराब को ग़ाफ़िल बुरा कहते हो तुमने कुछ चखा ही नहीं
'ग़ैरत-ए-मय-कशी' होने लगे उनकी आँखों से पीने के बाद
यक़ीनन नहीं औरों की तरह 'वाबस्ता-ए-तन' मुझे 'मिन्हाज़'
मिलूँगा मैं फ़क़त 'आशिक़-ए-साहब-ए-मआनी' के साथ-
यौमे पैदाइश- 27 of october.
"तू हकीकत है या मिरा कोई ख़ाब है
चेहरा है ति... read more
दीवान-ए-मोहब्बत की तमाम ग़ज़लें सुन लिया मैंने
यार तुझसे इश्क़ किया तब जाना के कुछ किया मैंने
ख़ुदा-ए-ख़ल्क की उन तमाम रंगीनियों के दरम्यान
मिन्हाज़ नज़र-ए-अहसन दफ़'अतन चुन लिया मैंने
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#Day- 2
ज़िन्दगी हँसकर जीऊँ या मरकर जिऊँ मैं गुज़ार लेता हूँ
रानाईयां सीने में दफ़न कर तिरि यादों को मार लेता हूँ
ख़ातिर-क़ल्ब-ए-सुकूँ सद-चाक-ए-जिगर-ओ-जूनूँ यार
अब इसका मैं क्या करूँ आजकल दो-चार मार लेता हूँ
जदीद किस्से नईं ग़ज़लें के मैं मुसन्निफ़-ए-लक़ब रखता हूँ
गरज़-ए-इंतेकाम सीने में ग़म-आलूद खंज़र उतार लेता हूँ
वादाशिकन ओ वादाशिकन शब-ए-वादा न आए कहीं से
मैं रोज़ इंतेज़ार में रहता हूँ मैं रोज़ चंद सांसे उधार लेता हूँ
किस तरहां भला करता अदा मैं तक्सीम-ए-अदल मिन्हाज़
वादी-ए-तरन्नुम तुझे सुला कर अपने हिस्से मैं खार लेता हूँ-
#Day -1
ग़म-ओ-शिद्दत का कैसा आलम ये कैसा खूँ-रेज़ मंज़र
तिरि यादों को कर मसीहा क्यूँ चलता है रंज-ए-लश्कर
गेसू-ए-काकुल मुझे फंसाया तिरा हुस्न-ओ-जमाल ऐसा
ना मिरा क़ातिल ही मुड़के आया ना आप आए चल कर
संग-ए-अय्याम वो गुज़िश्ता और तिरे हुस्न की अराइस
मुझे तिल-तिल कुतर रहीं है तिरि अदाएं भी जख़्म देकर
मुझे तुझसे ही कोई तल्ख़ी ना ज़माने से कुछ अदावत
मैं शिकवा करूँ भी तो किसका करूँ भी तो क्यूँ-कर
रंगीनियाँ फलक़ की हुस्न-ए-गुल-ओ-शादाबी-ए-बहारा
'मिन्हाज़' बीतीं हैं कई सादियां मुझे हुजरे से आए बाहर-
दौर-ए-ख़ुदा ख़ुद को लोग समझे
फ़ितना सा मुझको लोग समझे
*फ़ितना -mischief
दिए फलसफ़े तो अज़ाब झेले
ज़ाहिर ये बुत को लोग समझे
*फलसफ़े - philosophy
मिरि कच्ची उमरों के फैसलों में
बे-ग़ैरत सा मुझको लोग समझे
*बे-ग़ैरत - irreverent
कुछ दरमियाँ था जो तेरे-मेरे
क्यूँ-कर न उसको लोग समझे
*दरमियाँ - between
झूठी बुनियाद घर-ए-दीवार की
मिन्हाज़ गिरी दीवार तबतो लोग समझे-
पशेमां-शिकन अलामत वो ताबिंदा नज़र आता है
मफ़रूर कोई शख़्स ख़ुद पर शर्मिंदा नज़र आता है
*पशेमां-शिकन - पश्चाताप भरी चिंता, ताबिंदा- रौशन/साफ़
मैं समझा हसद-ओ-कीना ने उसका गला घोंट दिया
अये! मुनाजातों के वाली तू तो जिंदा नज़र आता है
*हसद-ओ-कीना - जलन, द्वेष
क्यूँ लश्कर-ए-जुगनू लेकर ढूंढ़ते हो तुम कहाँ किसे
भटका शख़्स सहरा में कहाँ आइंदा नज़र आता है
*लश्कर-ए-जुगनू -जुगनूओं का झुण्ड
मुश्क़-ए-मो'अत्तर घोला है ये हवाओं में किसने
'शहर-ए-मोहब्बत से कौन यहाँ बाशिंदा नज़र आता है
*मुश्क़-ओ-मो'अत्तर - खुश्बू से भरा हुआ, इत्र
मग़रिब की अदना आंधी ने तुझे सरकश किया यहाँ
मिन्हाज़ मुज़दिल भीड़ का ही तू नुमाइंदा नज़र आता है
*मग़रिब - पश्चिम *सरकश- विद्रोही, मुँहज़ोर-
अदा इस कर के हर्फ़-दर-हर्फ़ कीजिए
यूँ कीजिए कि हलाक फिर ज़र्फ़ कीजिए
*ज़र्फ़-sobriety
हुस्न-ए-तग़ाफ़ुल कि मुझे क्यूँ हो फ़िकर
मसलन धूप के सहरा में उम्र सर्फ़ कीजिए
*हुस्न-ए-तग़ाफ़ुल-beauty of negligence
तिरे अंदर कि उदासी की मुशाबह मैं नहीं
रवां पानी को क्यूँ-कर के भला बर्फ़ कीजिए
*मुशाबह- resembling
न तिरि चाह है न रांझा बनने का मुझे शौक
खामखां इश्क़-ए-ग़ज़ल में बर्बाद हर्फ़ कीजिए
*हर्फ़-word
बराकीनों के दहाने में रख साकी की सभी याद
मिन्हाज़ यूँ कीजिए कि फिर उरुज़-ज़र्फ़ कीजिए
*बराकीन- volcano-
हाय! इश्क़ में मारे गए तिरे बे-मौत हम जानां
किसी ने हाल न पूछा किसी ने ख़ैर न जाना
पैकर भी क्या रंगीं थी वो मौसम भी सुहाना था
लगाकर मुश्क़ बालों में तिरा नज़दीक यूँ आना
लगकर फिर गले मेरे क्या? लरज़ते होंठ कहते थे
वो मुझको याद आता है तिरि बातों का थर्राना
साकी याद है साकिन मुंतशिर बा'की सब मेरा
तिरि हर छोटी बातों पर वो इठलाना वो घबराना
टक-राईं हैं वो जब से निगाहें तेरी सूरत से मिन्हाज़
मैं तिल-तिल रोज़ मरता हूँ मरता हूँ मैं रोज़ाना-
ऐसा ना हो इश्क़ के नए हालात जाग जाएँ,
मिरे दिल में सोये हुए कुछ जज़्बात जाग जाएँ।
खुले सर आना महफ़िल में यूँ तो गलत भी है न, वो,
फिर मैं किसकी फ़िक्र करुँगा गर मुलाक़ात जाग जाएँ।-
Topic- "Kaun Tera"?
Dekh Minhaz Kaun Tera?,Tu Kiska?KaunTera?
[Plz read in the caption]
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