QUOTES ON #MEREKHAYAL

#merekhayal quotes

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14 JUN 2019 AT 20:19

ये जिंदगी का दस्तूर है रूक नही सकती,
मोह्हबत में निगाहें कभी झुक नही सकती,

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22 JAN 2021 AT 11:13

अगर मैं
सबकी होती हूँ
स्वयं के सिवा...!!
:
:
तो ये...
मेरे द्वारा
मेरी आत्मा के साथ
विश्वासघात होगा ।।

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28 JAN 2018 AT 16:34

Alfaz hai nazakat hai
Ibadat hai inayat hai
Aap hai hum hai
Aur
Yahi to mohabbat hai

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14 JUN 2019 AT 20:03

कुछ इस तरह वो ओजल हुए हमारी आंखों से,,
कुछ इस तरह वो ओजल हुए हमारी आंखों से...
की अब तो ज़िन्दगी हमारी रुक सी गयी है उन्ही की ...
हाथों से।।

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10 SEP 2020 AT 20:28

एक तेरी ही खातिर जिन्दा हूँ मैं, सांसें जो ये आती जाती है,,, 💕
जाना मुझे बस वही तक ,जहाँ ये राह तुमसे जुड़ जाती है,,
और पूछते हो हाल-ए-दिल का फसाना तो बस इतना ही कहते हैं, जिंदगी अब तुमसे ही शुरू, तुम पर ही खत्म हो जाती है॥ 💕॥
जहा तुम होगें वही मुकम्मल जहाँ है मेरा, एक तेरी ही साथ ख्वाहिशें मेरी मुस्कुराती है,,, 💕
और पूछते हो हाल-ए-दिल का फसाना तो बस इतना ही कहते हैं, जिंदगी अब तुमसे ही शुरू, तुम पर ही खत्म हो जाती है॥ 💕॥
- #Himani Sharma

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27 JUL 2020 AT 10:32

तख्त के ख़ातिर पहले तो ललचाया गया
फिर कठपुतली की मानिंद नचाया गया

हिफ़ाज़त-ए-निगाह सब के बस में कहाँ
इसलिए गुलाब में काँटो को लगाया गया

दूरी के लिए सितारे क़मर से नहीं दिखते
यहीं सोच के अपना चिराग़ बुझाया गया

ताक़त-ए-दीवार हमेशा के लिए बनी रहे
इसी वज़ह ईंटो को पानी में नहलाया गया

गुलों की जगह अब ज़ुल्फ़ों में कहाँ रही
इसलिए गुलों को मज़ारों पे सजाया गया

इंसान का रुतबा अब पहले सा कहाँ रहा
इसी वजह चंद रुपयों से उसे दबाया गया

शिकारी तो जगह जगह मौजूद है "सदफ़"
ये सोच के परिंदो को उड़ना सिखाया गया

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23 JUL 2021 AT 21:16

प्यार के बारे में मैं इतना ही
कह सकती हूँ
जनाब,
की प्यार वो खूबसूरत एहसास
है, जो बेशर्त हो
जाता है,
और एक बार प्यार हो जाये
तो वो कभी कम
नहीं होता,
प्यार तो दिन प्रतिदिन बस
बढ़ता ही जाता है।।
❤️❤️

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10 DEC 2018 AT 2:48

कभी मैं उन्हें सँवार देती हूँ
कभी वो मुझे सँवार देते है..!!

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16 AUG 2020 AT 9:29

हर मुस्कान में विश्वास छिपा होता है
विश्वास होता है एक जिंदगी का
जिंदगी के खाली पल को भरने का
वो पल जिसमें लाखो सपने हैं
सपने जो मेरे अपने है
अपने कहाँ मेरे साथ है
साथ तो बस मुस्कान है
वो मुस्कान जिसमें विश्वास है।

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4 JUN 2019 AT 11:05

मुझे एक खोज के रूप में ढूँढ़ा था तुमनें
पाने का अथक प्रयास भी किया था
किन्तु त्याग दी थी तुमनें गरिमा अपनें प्रेम की
कर दिया था बहिष्कार अपनें मूल्यों का
तुम थे तो पूरक मेरे, किन्तु मुझे आधा कर रहे थे
मुझे छल रहे थे ,तुम अपनें अमूर्त रूप से
ढोंग की पोशाक सबकी उतर ही जाती है
हाँ, उतरी तुम्हारी भी
देखी मैंने काया तुम्हारी,
जिसमें तुम, जो मुझे ढूँढ़ के लाये थे
वो नहीं थे,था तो एक कायर
जो लादे था गठरी अमानवीयता की
पौरूष तो था किन्तु औरत को पाने का...
दिख चुका था मुझे सत्य और उसकी पराकाष्ठा...

हाँ तुम मुझे ढूँढ़ के लाये थे!!

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