QUOTES ON #MAKHMAL

#makhmal quotes

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17 DEC 2020 AT 12:35

Kisi ke jism ko chithda(kapde ka tukda) bhi nahi haasil

Kisi ke khidkiyon ke parde bhi makhmal ke hote hain..💯

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18 DEC 2019 AT 16:42

मखमल के कपड़े जैसी है उसकी बाते
समझ आए उससे पहले ही दिमाग से छूट जाती है

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17 MAY 2020 AT 18:29

आओ न की कुछ देर तुम्हें सताया जाए
कुछ देर बाहों में भर के बहकाया जाए

उन मस्त निगाहों के जाम छलकाए जायें
तुम्हारे बेहद क़रीब आके दिखाया जाए

तेरी हर नाज़ ओ अदा पर दिल हाज़िर है
चल तेरे नखरों को सर माथे पर उठाया जाए

तू रखे जहाँ पैर सुन ए मेरी जान ए ग़ज़ल
वहाँ मख़मल में बुना मेरा प्यार बिछाया जाए

हम दिल ओ जान सब हार चुके हैं तुझ पर
अब तेरी बारी है चल तुझे आज़माया जाए

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17 AUG 2019 AT 12:50

वक़्त ने चरखा चलाया
कुछ रेशम सी यादें बुनी
कुछ मखमल से ख़्वाब
कुछ बची खुची मैं
और बहुत सारे तुम

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9 AUG 2022 AT 21:24

#makhmal #lyrics
4

जो उजालों ने मुझे छुआ
दुआ दुआ है यारा
करती कोशिश कशिश तेरी
छुए मुझे दोबारा

मैं तरबतर हुई तेरे ख़ुमार में
मख़मल सी खिली खिली फ़िज़ा में

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9 AUG 2022 AT 21:14

#makhmal #lyrics
2


जो ख़यालों ने तेरे छुआ
रुआँ रुआँ है यारा
करती कोशिश कशिश तेरी
छुए मुझे दोबारा
मैं तरबतर हुई तेरे ख़ुमार में...

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1 JUN 2022 AT 9:38

तेरी आवाज़ की मख़मल जादूगरी
जुड़ी थी हर ग़म हर खुशी से मेरी
अब लफ्ज़ तरसेंगे तेरी आवाज़ को
तेरे नग्में ही तो थे पहचान तेरी।

Teri awaaz ki makhmal jaadugaari,
judi thi har gham har khushi se meri.
Ab lafz tarsengey teri awaaz ko,
tere nagmein hi to they pehchaan teri.

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10 JUL 2020 AT 12:32

ख़ुश्क गालों पे मिरे उग आते हैं पुराने शिकवे बहुत
रो पड़ता हूँ खुद से लिपट कर इसी बहाने से

सुनने को आंखे देखने को दिल की दरकार है
ये इश्क बे-ख़ुदी बे'हयाई मांगती है दीवाने से

चश्म-ए-तर में घुल गए वो किरदार जो अपने थे
ये कौन चुरा ले जाता है तिरा ज़िक्र मिरे फसाने से

मीठी मीठी धूप तले मखमल के कांटे बिछाकर
बाज आ जाओ 'मनोज' सफर में यूँ सुस्ताने से

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28 JAN 2023 AT 18:49

नैना उनके कितने चंचल है,
देख कर दिल में हलचल है।

बोले तो कितनी राहत देती,
मिसरी सी गुफ्तगू शीतल है।

सोचें तो महक उठते हैं हम,
ख़ुशबू उनकी जैसे संदल है।

खुले तो काली घटाएं जाए,
जुल्फें जाना मानो बादल है।

रुख़सार है मानिंद गुलाब के,
और जिस्म जैसे मख़मल है।

गमों की तेज़ धूप से बचाए,
ख़ुशी की छांव देता आंचल है।

ज़िन्दगी मौसम-ए-बहार लाई,
उनके पैरों में पहनाई पायल है।

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27 JUL 2020 AT 1:01

सुकून से पत्थर पर बीती एक रात बेचैनी से मख़मल के गद्दों पे बीती रातों पे भारी पड़ती है।

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