कहने को साथ उनका है ये उम्र भर का जब,
मिलते ही क्यों हो जाता है ये वक़्त मुख़्तसर।
-
मुक़द्दर से बढ़ कर मिला कुछ नहीं है,
मुझे ज़िंदगी से गिला कुछ नहीं है।।
read more
ख़बर मुझको नहीं थी वो मुझे ही भूल जाएगा,
मैं अक्सर सोचती थी रूठा है पर लौट आएगा ।
-
ग़ज़ल कहने का हमको ये हुनर सर जी से आया है,
नतीजा हर ग़ज़ल को आप सब ने ही सराहा है ।
ग़ज़ल है आईना इस रूह का हरदम सिखाया है,
ग़ज़ल जज़्बात में डूबी हो सब को ये बताया है ।
वरक़ दिल का हो उल्फत की कलम हो फिर मज़ा आए,
तख़्य्युल गहरा हो इस बात से वाक़िफ़ कराया है ।
मेरे दिल ने हमेशा सर की बातों को सही माना,
ग़ज़ल कहते हुए भी ज़हन ने सब दोहराया है।
कहें नायाब ग़ज़लें और ख़ुद को वो कहें नाकाम,
ग़ज़ल अपनी करूँ मैं नज़्र उनको दिल में आया है ।
-
1222 1222 122
मुहब्बत में ये कैसी इब्तिदा थी,
तुझे पा कर न पाना इक सज़ा थी ।
मेरी क़िस्मत में तेरा साथ हो बस,
मुहब्बत में यही माँगी दुआ थी ।
भरोसा इश्क़ से क्यों उठ गया है,
मेरी उल्फत से जब तू आशना थी ।
तेरी ही राह तकते कट गया है,
सफ़र क्या था ये कोई बद्दुआ थी ।
उसे खो कर ग़म ए उल्फ़त में “मीना “,
क़ुबूला था ये तेरी ही ख़ता थी ।
-
मोती आवाज़ के कानों में बिखर जाते हैं,
तेरे कूचे से जो ग़लती से गुज़र जाते हैं ।
याद आतीं हैं मुलाक़ातें पुरानी जब जब ,
तब निगाहों में मेरी अश्क़ ये भर जाते हैं ।
गुनगुनाता है ग़ज़ल दिल जो कही थी तुम पर,
नक़्श भी दिल पे तुम्हारे ही उभर जाते हैं ।
जब भी आईना मैं देखूँ तू नज़र है आती,
दिल में ख़ंजर तेरी यादों के उतर जाते हैं ।
तू मिलेगी कभी मुझको यही सोचूँ “मीना “,
बस तुझे सोचते ही ज़ख़्म ये भर जाते हैं ।-
2122 1122 1122 22/112
बिन तेरे तय नहीं मुझ से ये मसाफ़त होगी,
तू जो नज़दीक रहेगा मुझे राहत होगी ।
तू न हासिल हुआ ग़म तेरा न हासिल मुझको,
अब भला इससे बुरी और क्या हिजरत होगी ।
इश्क़ है पाक ग़ज़ल इसपे कहो दिल से तुम,
इस ग़ज़ल से नई पीढ़ी को नसीहत होगी ।
ख़ुश रहो शाद रहो दिल से दुआ देता हूँ,
मैं हूँ हाज़िर कभी ग़र मेरी ज़रूरत होगी ।
मैंने मुँह फेर लिया देख के उसको “मीना “,
अब तो मिलना भी मुलाक़ात ए अज़ीयत होगी,-
1222 1222 122
पुकारें आपका हम नाम कैसे,
मुहब्बत है कहानी बेबसी की।
-
मुहब्बत बाँध देती है दिलों को एक पल में जब,
मज़ा जो कैद में इसकी नहीं मिलता रिहाई में।-
2122 2122 212
बेसबब उनकी ये आँखें नम नहीं,
झूठ कहते हैं वो उनको ग़म नहीं।
-