क्यों नहीं होती हकीकत मुकम्मल ख्वाबों की तरह..
क्या हर ख्वाहिश में "काश" का जुड़ना जरूरी है।-
जिन शाखों से पत्ते झड़ते है
उन सूखे शाखों पर मुझसे मिलना नहीं
ये हमारी पहली मुलाक़ात है
दोबारा मिलने का वादा करना नहीं
चाँद को तकते हुए ये चाँदनी रात भी गुज़र जाएगी
जब आँखों में देखो तो गेसुओ में उलझना नहीं
पलके झुकाकर मुस्कुराना मेरी अदाओं में शामिल है
गर होश खो बैठो तो इश्क़ में पड़ना नहीं
मैं तो अमलतास हूँ बस आकर्षण का
पलाश समझ छू कर मुझे जलना नहीं
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ज़रूरी नहीं कि प्यार हमेशा महंगी गाड़ियों
और महलों से आए
कभी कभी ये पथरीले रास्तों से सादे लिबास में आकर
भी आपका दिल चुरा सकता है
ज़रूरी नही कि प्यार हमेशा आपको कुछ दे
कभी कभी ये आपके साथ सपने पूरे करने की भी
ख्वाहिश रखता है
ज़रूरी नहीं कि प्यार आपकी मदद करके आपको अपना बना ले..
कभी कभी ये इतना लाचार होता है कि बस आपके दुःख में साथ खड़े होने का हौसला रखता है
ज़रूरी नही कि आप जैसा चाहे वैसा ही प्यार आपको मिले
कभी कभी उम्मीद से परे कुछ ऐसे शख्स मिलते है
जिनसे प्यार होने की कोई गुंजाइश नहीं होती-
मुझे अकेले रहने की आदत है
महीनों अकेले रही हूं मैं,
सालों अकेले रही हूं मैं,
इसलिए जब उसने कहा "मेरे बिना रह लोगी"?
तो इस दिल को ताज्जुब नहीं हुआ-
वक्त की हवा मेरे पास से
गुज़र कर बता गई
कहानी जहा से शुरू हुई थी
वही पर आ गई-
फिर से महफ़िल में सयाने आये
मुझ पे इल्ज़ाम लगाने आये
जोड़ के पैसे बनाया था घर
दंगई घर को जलाने आये
पाप की गठरी जब भारी हुई
कुछ एक गंगा में नहाने आये
फ़रेबी दुनिया में रहते हैं जो
सादगी मुझ को सिखाने आये
जीते जी कौन पूछता है यहाँ
मरने पे आँसू बहाने आये
कहीं तो होगा यहाँ दीन ईमान
कोई तो मुर्दों को जगाने आये-
तुमसे मैने कहा और ये कहती रही
प्रेम तुमसे ही है सिर्फ तुमसे ही है।
प्रेम होता तुम्हे भी तो क्या बात थी
प्रेम तुमसे मगर एकतरफा ही है ।।
तुम जो मिलते तो मिलने की क्या बात थी
बात बिगड़ी जो बनती तो क्या बात थी
दर तुम्हारे तो अपना झुकाया था सर
ताज तुमसे जो मिलता तो क्या बात थी
आँख के आँसुओं का नहीं मोल है
ग़र हो तुमसे मिलन वो भेंट अनमोल है
मैं न तुमको मिली, ग़म तुम्हे कुछ नहीं
सुकून जो न हो फिर "मौसम" कुछ भी नहीं-
कितना मुश्किल होता है गिलहरी की
प्यारी तस्वीर खींच पाना
हथेली पे बिठाये रख पाना
तितली को दो मिनट
अवकलन, समाकलन
सब सही करने के बाद जोड़, घटाव की
गलतियाँ किये बग़ैर सवाल पूरा कर पाना
सबसे आसान काम ही सबसे ज़्यादा मुश्किल होते हैं
जैसे किसी से यह कह पाना कि
" तुम कभी मुझे छोड़ कर मत जाना"।-