उसके सपने को तो तुमने छोटा बता दिया
पर कभी उसकी मजबूरी के बोझ को न नाप सके
उस जमीन के टुकड़े को तो तुमने अपना बता दिया
पर कभी उसके हिस्से के आसमान को न माप सके-
Those people whom you take as for granted will take you as for granted....
But those whom you made ur priority will also take u as for granted one day...
Moral of the story: only you and you can be there for urself always...
So always love ur soul the most-
उसके छोड़ जाने की भी कोई वजह रही होगी
यू बेवजह उसने यह गलती नहीं की होगी,
उसको बेवफ़ा ठहराना शायद गलत था मेरा,
शायद उसकी भी कोई मजबूरी रही होगी...
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Apni majburi un hi logon ko btaani chahyee
Jo aapko smjhe naa ki aapko smjhaaye
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मजबूर
आज इन्सान कितना मजबूर है,
बिना बेड़ियों के अपने ही घर में क़ैद है,
चाहकर भी सबसे दूर है,
सबके साथ होकर भी कितना अकेला है,
आज इन्सान कुदरत के आगे मजबूर है,
अपने ही घर में क़ैद है.-
एक बेटे की चाह में कई बेटियां दुनिया में आ जाती है।
फिर भी इंसान तेरे अंदर,बेटे कि चाह मिट ना पाती है।-
तूने भी पलायित कर दिया हमें...
जो पटरियां हमने बिछाई थी, दिन और रात
आज उन्ही ने अपनो से, अलग कर दिया हमें।
लम्बी सड़के, चौड़े फुटपाथ, हमने बनाए थे रातो-रात
आज उन फुटपाथों से भी, दर-बदर कर दिया हमें।
बड़ी-बड़ी इमारतें बना, शहर तेरा बसाया था गजब
आज उसी शहर ने, घरों से बे-दखल कर दिया हमें।
जिनको हमने ही पहनाया था, अमीरी का ताज
आज उन्ही अमीरों ने, भिखारी सा कर दिया हमें।
पिकनिक मनाकर लौटे थे जो, चंद आसमानी जहाजों से
आज अपने ही स्कूलों में, भेड़-बकरी सा कर दिया हमें।
गरीबी थी, मज़बूरी थी, क्यों शहर में ही मजदूरी थी
अब देख जरा, हां, ये शहर,
तूने भी पलायित कर दिया हमें।-
Muhabbat tabhi karo jab usse nebha
Sako..
Majburiyo ka sahara leker..
Kisi ko chodna wafadari nahi hoti..
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मजबूरियां दस्तक दिए बैठी है राहों में
जरा भी फिसले तो जकड लेगी अपनी बाहों में
🖤🖤-