QUOTES ON #MAJBURI

#majburi quotes

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9 MAY 2020 AT 12:50

उसके सपने को तो तुमने छोटा बता दिया
पर कभी उसकी मजबूरी के बोझ को न नाप सके
उस जमीन के टुकड़े को तो तुमने अपना बता दिया
पर कभी उसके हिस्से के आसमान को न माप सके

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8 JUN 2020 AT 19:37

Those people whom you take as for granted will take you as for granted....
But those whom you made ur priority will also take u as for granted one day...

Moral of the story: only you and you can be there for urself always...
So always love ur soul the most

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4 NOV 2024 AT 18:23

उसके छोड़ जाने की भी कोई वजह रही होगी
यू बेवजह उसने यह गलती नहीं की होगी,
उसको बेवफ़ा ठहराना शायद गलत था मेरा,
शायद उसकी भी कोई मजबूरी रही होगी...

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23 MAY 2020 AT 19:23

Apni majburi un hi logon ko btaani chahyee
Jo aapko smjhe naa ki aapko smjhaaye

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19 APR 2020 AT 16:43

मजबूर

आज इन्सान कितना मजबूर है,
बिना बेड़ियों के अपने ही घर में क़ैद है,
चाहकर भी सबसे दूर है,
सबके साथ होकर भी कितना अकेला है,
आज इन्सान कुदरत के आगे मजबूर है,
अपने ही घर में क़ैद है.

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5 DEC 2021 AT 16:12

एक बेटे की चाह में कई बेटियां दुनिया में आ जाती है।
फिर भी इंसान तेरे अंदर,बेटे कि चाह मिट ना पाती है।

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तूने भी पलायित कर दिया हमें...

जो पटरियां हमने बिछाई थी, दिन और रात
आज उन्ही ने अपनो से, अलग कर दिया हमें।
लम्बी सड़के, चौड़े फुटपाथ, हमने बनाए थे रातो-रात
आज उन फुटपाथों से भी, दर-बदर कर दिया हमें।
बड़ी-बड़ी इमारतें बना, शहर तेरा बसाया था गजब
आज उसी शहर ने, घरों से बे-दखल कर दिया हमें।
जिनको हमने ही पहनाया था, अमीरी का ताज
आज उन्ही अमीरों ने, भिखारी सा कर दिया हमें।
पिकनिक मनाकर लौटे थे जो, चंद आसमानी जहाजों से
आज अपने ही स्कूलों में, भेड़-बकरी सा कर दिया हमें।
गरीबी थी, मज़बूरी थी, क्यों शहर में ही मजदूरी थी
अब देख जरा, हां, ये शहर,
तूने भी पलायित कर दिया हमें।

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8 OCT 2020 AT 10:45

Muhabbat tabhi karo jab usse nebha
Sako..
Majburiyo ka sahara leker..
Kisi ko chodna wafadari nahi hoti..

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4 JUN 2019 AT 9:30

कुछ मजबूरियां है वरना कहा जी पाते तुम्हारे बिना।

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4 JAN 2022 AT 10:54

मजबूरियां दस्तक दिए बैठी है राहों में

जरा भी फिसले तो जकड लेगी अपनी बाहों में
🖤🖤

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