वो हमे याद कर लेते हैं जब उन्हे वक्त मिलता है
और वो जब हमे याद करते हैं तो हमारा वक्त थम जाता है
यहां न कोई गम मिलता है न झूठे वादों का घर मिलता है
इस एकतरफा मौहब्बत में न बेवफाई का कोई सितम मिलता है
लोग कहते हैं तेरी मौहब्बत खाली हाथों की इबादत है
हम उन्हे कैसे समझाएँ कि इस इबादत में सुकून बहुत मिलता है-
Ye Be mousam baarshien..............
ye suhani or thandi c hawayein.....
Ye khubsurat sa ehsaas.....
Aaj barso baad mausam mein aisa parivartan dekh hairaan se ho gaye hum....
aisa lga kisi bht badi khushi k
ane ka sanket de rahe ho....
Achanak tumhari dastak se humein mehsus kia sirf main hi nahi yaha ke zrre zrre ko tumhare aane ka intzaar tha....-
ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान
होगाएं हम !!
अपनों से भी गैरो की तरह पेश
आ रहे हम !!
मायूसी का आलम ना पूछिएगा
अपनों की दूरी से बेचैन हो रहे हम !!
आज तोड़ लिया रिश्ता उम्मीद का
अब कभी गिला शिकवा नहीं करेंगे हम !!
हाल- ए - दिल बयान करें भी तो कैसे
लफ्जों को तो कहीं और छोड़ आए हम !!
हस्ती ही अपनी क्या हैं, ज़माने के सामने
एक ख़्वाब है, जहां में बिखर जाए हम !!-
Jane kaise uljhe zindagi k dhage tumse
Jaise barso purane rishte jude khudse
Tumhari mojudgi deti hai ek alag ehsaas
Tumhara hona hi bna deta hai mujhe khaas
Jaane kya naam du is anjaan rishte ko
Jisse hum dono hai bekhabar...
banayega ye humsafar hum dono ko
Ya mita dega hamari hasti ko is kadar...
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Na jane kyu sab tham sa gaya hai
Ye lamha
Ye mulaqat
Ye jazbaat,
Jaise koi saazish hone ko hai
Mano koi apna khone ko hai.-
मेरा रब गवाह है उस लम्हे का,
हर एक मकाम, हर एक किस्से का ।
यु तो हमें नहीं पसंद चाय,
फिर भी तुम्हारे साथ लगाई उन चुस्कियों का ।
मेरा रब गवाह है उस लम्हे का,
हर एक मकाम, हर एक किस्से का ।
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लम्हे बेलम्हे ये यादें है तेरी
इन यादों में मैंने खुद को है खोया
होश मैं आई तो पता ना चला
तू लम्हों में था या यादों में था
सपनों सा टूटा जब आंखे खुली तो
तुझ में ही मैंने खुद को खोया
तुझ में ही सिमटी हूं तुझ में ही खोई हूं
लबो पे मेरे बस नाम तुम्हारा है
लम्हे बेलम्हे ये यादें है तेरी
इन यादों में मैंने खुद को है खोया-
कुछ लम्हों का इश्क़ नहीं अपना
तुम्हें सदियों तक चाहने का इरादा है_
ये नदियाँ, ये धरती, वो बादल, हवायें
रहे न रहे..
मेरा फिर भी तुमसे मिलने का वादा है_-
【जी चाहता है】
कुछ गुमशुदा पलों को पाने को जी चाहता है
कुछ पुराने लम्हों को लाने को जी चाहता है
जब मुस्कुरा लिया करते थे बे वज़ह,बे बात के
उन पलों में वापस लौट जाने को जी चाहता है
कुछ हादसे कैसे बदल देते हैं हर इंसान को
उन हादसों को मिटाने को जी चाहता है
पहले सी रौनक़ नही रही अब त्योहारों में
वो बचपन सी रौनकें पाने को जी चाहता है
समेट लें ऐ ख़ुदा मुझे ख़ुद कि इता'अत में
कि अब मुझे सिर्फ तेरा होने को जी चाहता है
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तुम्हारे साथ बिताये हुए वो हर लम्हे
मेरे जिन्दगी के किताब के
सबसे खूबसूरत पन्ने थे-