हवा चले तो रुख़ पता चले,
तुझसे तेरा बिछड़े तो मेरा दुख पता चले_
तुमसे नज़र हटे तो चांद को देखूं,
तेरी यादों से निकलूं तो शब पता चले_
तेरी आवाज़ गूंजती है कानों में मेरे,
तेरी बातों से निकलूं तो कोई बात पता चले_
तेरे बदन की ख़ुशबू दौड़ती है बदन में मेरे,
तेरे ख़्वाबों से जागू तो सच पता चले_
कोई तारा टूटे मेरे हक मैं तो तुझको मांगू,
ये बादल हटें तो तेरा घर पता चले_
तेरे दर पर तेरे चाहने वाले बहुत हैं,
कोई मेरी तरह चाहे तुझे चाहत पता चले_-
📌मैं पागल नहीं था, पागल बनाया गया है_
मैं तो दीवाना था, शायर बनाया ग... read more
ये इश़्क है, या फिर कोई गुनाह हुआ है..
मेरी तरह भी तुझपे कोई फना हुआ है_
एक मेरा ही अक्स है जो तेरे दर पर रहता है..
या किसी और का भी तू आशियाना हुआ है_-
रास्ते जो भी हों, इस संगीन दुनिया में
सब मंजूर होंगे हमें_
बस साथ चलना तुम, मेरा हाथ थामे
कयामत तक_-
नजरें मिलाके मुझसे, नजरें छुड़ाके चलना
तबाह कर देगा मुझको तेरा कतरा के चलना_-
वाकिफ हैं खुदसे...
छोड़ कर तुझे कहीं जा नहीं सकते_
इक मलाल रहेगा उम्र सारी,
जिंदगी को जिंदगी बना नहीं सकते_-
चाँद के आगोश में बीती
वो रातें चली गयीं_
खामोशी में बतलाती थी मुझसे
वो बातें चली गयीं_
मुझ पर न बरसा है पानी मोहब्बत का
तुम बिन ये सूखी बरसातें चली गयी_-
कुछ लम्हों का इश्क़ नहीं अपना
तुम्हें सदियों तक चाहने का इरादा है_
ये नदियाँ, ये धरती, वो बादल, हवायें
रहे न रहे..
मेरा फिर भी तुमसे मिलने का वादा है_-
तेरे इन्तजार में,
हर शाम जीये जा रहे हैं_
इश्क़ ना कर के भी..
हम इश्क़ किये जा रहे हैं_
ये कैसी कहानी है..
जो मेरे हिस्से में आयी है_
खुद को लिख कर बेवफा
तुझे वफायें दिये जा रहे हैं!!-
तेरे शहर में,
हम नज़रें बिछाये बैठे हैं_
झूठे ही सही तेरे ख्वाब,
ख्वाब सजाये बैठे हैं_
लोग कहते हैं..
कि तू नहीं आयेगा_
हम फ़कत तेरे आने की,
रट लगाये बैठे हैं!!-