अलग-अलग किरदारों में जीने का मौका
कहां सभी को मिलता है,
किसी के पास थोड़ा है,
किसी को थोड़ा मिलता है,
जी भर गया या जी भर जी लिया उसने,
क्यूं इतनी जल्दी अलविदा कह दिया उसने,
सबका चहेता चला गया, दुःख इस बात का है, बहुत लेकिन, थोड़ा इसमें थोड़ा उसमें
वो अलग-अलग किरदारों में पूरा-पूरा जिंदा है!!-
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अदब, तहज़ीब,सादगी इतनी रिवायती हो हदिका_
की देख मेरा क़िरदार मेरे तर्बियतदार को लोग दुआ दे हज़ार _
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हर किरदार अपने जरूरत के पिछे भागता हैं..
अंहकार, भुख और लालच के लिए,
और उसी लालच कि वजह से,
इंसान का इमान डगमगा जाता हैं...
और वह सबसे बड़ी गलती कर बैठता हैं...!!-
लफ्ज़ से बेयन ना हो पाए वोह आंखों से बात रखते हैं,
बिना सुने सबकी सारी बातों का एहसास रखते हैं,
चमचमाती दुनिया में शाम की तरह ढलने का अंदाज़ रखते हैं,
वजूद मिट जायेगा तेरा ढूंढते ढूंढते... हम ऐसा किरदार रखते हैं..!!-
एक बार फिर किस्मत आजमा रहा हूँ
पुराने किरदारों से ..पुरानी कहानी लिख रहा हूँ-
तू उनसे जाके पूछ
मेरा हाल - ए - किरदार....
मेरी खबर, मुझसे ज्यादा
रखते हैं, मेरे हकदार.....-
तुम्हारे किरदार पर एक किताब लिखेंगे,
उस किताब का नाम हम,बर्बाद लिखेंगे।-
जब ज़मीं पर आ ही गये हो
कुछ किरदार निभाने को,
तो कुछ ऐसा कर चलो
कि ज़माना मिसाल दे..!!-
Betiyon Ko Apni Jungen
Khud Ladni Padti Hai Chahe
Aitbar Ki Ho Ya Kirdar Ki...-