H🅰️Dℹ️Qu🅰️ NuSr🅰️T🌠   (HaDiqUA NuSRaT🥀)
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Joined 25 June 2020


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Joined 25 June 2020

मैं एक आम सी लड़की हूं,
इतनी आम सी जिसकी कहानी का end का तो पता नहीं
मगर start छोटी छोटी खुशियां से हैं,
मैं वो हूं जो छोटी सी बातों पर एहसासों पर खुश भी हो जाती हूं
और कभी छोटी सी बातों पर रो भी जाती हूं,
ख्वाहिशें बहुत सी रखती हूं लेकिन उम्मीदें सिर्फ खुद से रखती हूं,
मैं वो हूं जो छोटी सी बातों परेशान हो जाती हूं,
कभी बड़ी से बड़ी बातें भी बर्दास्त कर लेती हूं,
अगर कोई मुझसे नाराज़ हो जाए तो उसे मनाने की पूरी कोशिश करती हूं,
किसी को तकलीफ में देखकर खुद नाखुश हो जाती हूं,
टूटती हूं बिखरती हूं मगर खुद से ही संभलती हूं,
हंसने का तो पता नहीं मगर किसी के लिए रो जाती हूं,
अपनों को खुश देख कर ही खुश हो जाती हूं
,लोगों से जल्दी attachment नहीं हो पाती हूं
मगर एक बार हो गई तो कभी दूर नहीं कर पाती हूं,
खुद में खोई रहती हूं, और खुद से ही बेइंतहा बातें किया करती हूं,
लोगों की परवाह भी करती हूं मगर दूरियां इख्तियार भी रखती हूं,
वाकई मैं बहुत ही आम सी लड़की है मगर खास शख्सियत रखती हूं,
ख्वाब टूटने का गम भी मनाती हूं मगर सब्र करके सब कुछ सह लेती हूं,
कोई पूछ ले कि हकीकत में हदिका क्या हो तुम?
तो धीमी सी मुस्कान और नम आंखों से कहती,
मैं एक आम सी लड़की हूं,
मैं एक आम सी लड़की हूं,

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घर आंगन सुना कर
जान से प्यारी बिटियां को विदा करके
कैसे रह लेते हो पापा !
आंखे नम होते हुए भी
कैसे ग़म छुपा लेते हो पापा !
खुद तकलीफ में रहकर मेरे सारी खुशियों का
कैसे ख्याल रख लेते हो पापा !
खुद हिम्मत हार कर भी मेरे सहारा
कैसे बन जाते हो पापा !
अपनी जरूरत की चीजें न लेकर मेरी हर ख्वाहिश को
कैसे पूरा कर लेते हो पापा !
मैं कभी रोया न करूं तो इसलिए खुद ही
कैसे मुस्कुरा कर दिखा देते हो पापा !
मेरे कुछ भी कहने से पहले मेरे लिए सारा सामान
कैसे ले आते हो पापा !
जान से प्यारी बिटियां को विदा करके
कैसे रह लेते हो पापा !
कैसे रह लेते हो पापा !

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तेरी बाहों में सर रख कर हम सो रहे है।
रफ्ता रफ्ता सनम तेरी प्यार में हम खो रहे हैं।
तुझसे ही शुरू मेरी सुबह और शाम है।
हदीका की पूरी जिंदगी तुझ पर ही कुर्बान है।
तू है तो जैसे किसी चीज़ की फिक्र ही नहीं।
तू नहीं तो जैसे खुला आसमान है।
यूं तो कुछ दिन ही हुए मिले हुए।
पर तुझसे ही मुकम्मल मेरी ईमान हैं।
तुझसे ही मेरी काजल सिंगार हैं।
तू ही मेरे लिए पूरा संसार हैं।
तू ही मेरी आंखों की ठंडक हैl
तू ही मेरी रूह का सुकून है।
तुझसे जुदाई हम सह नहीं पा रहे है।
बिना तेरे हम रह नहीं पा रहे हैं ।
तेरी बाहों में सर रख कर हम सो रहे है।
रफ्ता रफ्ता सनम तेरी प्यार में हम खो रहे हैं।
रफ्ता रफ्ता सनम तेरी प्यार में हम खो रहे हैं।

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सुनिये ना, आपसे कुछ कहना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
वक्त चाहे जैसा भी हो मिलकर मुस्कुराना चाहती हूँ
मैं अपने सारे ग़म भुलाना चाहती हूँ
मैं खुलकर खिलखिलाना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
रास्ते चाहे कितने भी कठिन हो
आपका हाथ थामे रखना चाहती हूँ
अगर आप कभी कमज़ोर पड़े तो
आपका मजबूत सहारा बन जाना चाहती हूँ
अगर हो जाए कभी लड़ाई तो आपको मनाना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
आपको सारे खूबी और खामी के साथ अपनाना चाहती हूं
मैं कैसे कहूं आप पर सारा प्यार लुटाना चाहती हूँ
मैं अपने रब का बहुत शुक्राना चाहती हूँ
मेरे लिए आप क्या हो हदीका मैं ये बतलाना चाहती हूँ
मैं अपना सबकुछ आपके लिए छोड़ जाना चाहती हूँ
मैं अपना सारा फ़र्ज़ निभाना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ
मैं हर लम्हे आपके साथ बिताना चाहती हूँ

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आंगन अपना छोड़ किसी और के घर जाना होगा
बहु नहीं हदिका तुम्हे बेटी बनके दिखाना होगा.....
पापा की अभिमान से पति की भी शान बढ़ाना होगा
बेफिक्री से निकलकर अब खुद को जिम्मेदार बनाना होगा
जिस तरह तुमने मां बाप की सेवा की
अब सास ससुर को भी सम्मान दिखाना होगा
बात बात पर रोने वाली अब खुद को मजबूत बनाना होगा
तुम्हे अपना सारा फर्ज़ निभाना होगा
अगर कोई कुछ बोल दे तो चुप चाप सह जाना होगा
बहु नहीं हदिका तुम्हे बेटी बनके दिखाना होगा.....
भाई बहनों से मोहब्बत करने वालीं
अब नन्द देवर पर भी प्यार लुटाना होगा
मन जो भी करे तुम्हारा उसको परे हटाना होगा
अपने मन की न सुन औरों का मन रखना होगा
बचपना छोड़ कर रिश्तों को संजीदगी से निभाना होगा
मायके ही नहीं तुम्हे ससुराल की भी इज्जत बचाना होगा
बहु नहीं हदिका तुम्हे बेटी बनके दिखाना होगा.....
बहु नहीं हदिका तुम्हे बेटी बनके दिखाना होगा.....

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मै अपने जज़्बात किस्से और कैसे ज़ाहिर करू माँ
तुझ बिन सब अधूरा सा लगता है माँ.....
दिन रात तो बस गुज़र जाती हैं माँ
तुझ बिन वक्त कटते नही कटती है माँ.....
तेरी यादें तेरी बातें पल पल मुझे सताती है माँ
तुझ बिन जैसे बेसुकूनी सा लगता हैं माँ.....
ऐसा लगता हैं ढेर सारी बातें तुझसे करनी है माँ
पर देखूँ तो तू है ही नही माँ.....
कितने प्यार से तू मुझे रखती थी माँ
मेरे हर लाड नखरे को पूरा करती थी माँ.....
मै जब बीमार होती थीं कितनी प्यार लुटाती थी माँ
मोहब्बत भरी थपकी से सुलाती थी माँ.....
मुझे अपने हाथों से तू खिलाती थी माँ
मुझसे कुछ भी काम ना कराती थी माँ.....
मुझे हर सही गलत बतलाती थी माँ
मुझे दुनिया की हर बला मुसीबत से बचाती थी माँ.....
मै अगर चुप रहूं तो मुझसे बोलवाती थी माँ
मै छोटी छोटी बात भी तुझसे कह जाती थी माँ.....
कहने को तो अब भी बहुत कुछ है माँ
मगर तू क्यूं नही है माँ......
मैं अब बहुत अकेले हो गई हूं माँ
मुझे बहुत याद आती हैं तेरी माँ.....
ऐसा लगता हैं तु वापस आयेगी मुझे सीने से लगाएगी
क्यूं रोती हैं हदिका कहकर मुझे चुप कराएगी....
मै थक गई हूं माँ झूठी मुस्कुराहट लाते हुए
लोगो के सामने खूदको मज़बूत दिखाते हुए .....
तेरी बहुत याद आती हैं माँ
तेरी बहुत याद आती हैं माँ........

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दिल ना भी लगे तो लगाया कर !
भाई मेरा तू हर पल मुस्कुराया कर !
माना कि आसान नहीं है तेरे लिए !
मगर बेटा होने का फर्ज तू निभाया कर !
अब तक तूने खुद की सुनी !
अब मां बाप के ख्वाबों को पूरा कर !
तेरी बहन हमेशा तेरे साथ है !
तू अपना सुख दुख सब कुछ बतलाया कर !
खुद का अब खुद खुद से ध्यान रखा कर!
भाई बस मन लगाकर पढ़ा कर !
घर की फिक्र अब ना कुछ किया कर !
ज़रा सा न तू अब घबराया कर !
जब दिल करे फोन मिलाया कर !
दिल ना भी लगे तो लगाया कर !
भाई मेरा तू हर पल मुस्कुराया कर !

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ऊब गई हूं मैं,
ये ब्लैक एंड व्हाइट जिंदगी से
अब कुछ रंगीन ख़्वाब सजाना है
सपनों की दुनिया को हक़ीक़त में बनाना है
खुले पंछी की तरह यूं आसमान में पर फैलाना है
यूं माउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर तिरंगा लहराना है
यूं लंदन के टावर ब्रिज पर फोटो खिंचवाना है
समुंदर के किनारे बैठ कर खुद में खो जाना है
दुनियां की भीड़ से दूर एक अलग जहान में जाना है
ऊंची उड़ान भर कर हदिका मस्त मस्त हो जाना है
मंज़िल का तो पता नहीं यूं सफर का लुत्फ उठाना है
छोटी छोटी ख्वाहिशों को मौत से पहले पूरा कर जाना है
छोटी छोटी ख्वाहिशों को मौत से पहले पूरा कर जाना है

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मैं गुमशुम सी लड़की, यूंही कहीं खो जाऊंगी!!
जगमग सितारों के बीच मैं टूटता तारा हो जाउंगी!!
दफना कर सपनों को मैं कब्रिस्तान मे सो जाऊंगी!!
मैं गुमशुम सी लड़की, यूंही कहीं खो जाऊंगी!!
खुद का वजूद भूला कर मैं उम्र कैदी हो जाऊंगी!!
सबको संभालते संभालते मैं खुद ही टूट जाऊंगी!!
मैं गुमशुम सी लड़की, यूंही कहीं खो जाऊंगी!!

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हाथ किसी का थामती नहीं छूटने से डरती हूं !!
मां बाप ने मुश्किल से पाला है टूटने से डरती हूं!!
दोस्त हमारे कम है उन्हे रूठने से डरती हूं !!
नफरत से नहीं जनाब मोहब्बत से डरती हूं!!

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