Gur Simran   (GuRi)
1.4k Followers · 20 Following

read more
Joined 21 January 2020


read more
Joined 21 January 2020
4 NOV 2023 AT 22:32

तुमने ही तो मुझे वापिस हसना सिखाया था,
मेरे गिरे हुए मनोबल को फिर से उठाया था,
याद है मुझे गले से लगाकर तुमने....
प्यार में जीने का मकसद बताया था...!!
.
रोती तो आज भी हूं... पर तुम गम मिटाते नहीं,
दुखी होती हूं... तो सीने से लगाते नहीं,
माना बहुत मुश्किलें चल रहीं हैं जिंदगी में...
मैं तो साथ देती हूं हर पल... पर तुम पहले जैसे मुझे समझाते नहीं..!!

-


2 JUN 2023 AT 19:28

जिन्होंने खुशियां बीजी जहां में...
मोहब्बत ने उन्हें मदहोश कर दिया,
कुछ कह नहीं सकते खुद खुदा से हम...
तेरे इश्क़ ने तो मुझे ख़ामोश कर दिया..!!

-


24 MAR 2023 AT 18:39

तेरा देखना... तेरा मिलना... तेरा साथ चलना
मुझ से ही झगड़के... मुझमें ही ढलना..!!

-


16 FEB 2023 AT 21:14

दिल के टुकड़े दिल से अलग तो नहीं होते,
वो बचपन वाले दिन कहीं जाते हैं खोते,
वो लडाई वो हसीं वो गर्मियों के दिन...
अब तेरी आगे की खुशहाल जिंदगी के ख्याल हैं संजोते..!!

-


16 FEB 2023 AT 21:13

दिल के टुकड़े दिल से अलग तो नहीं होते,
वो बचपन वाले दिन कहीं जाते हैं खोते,
वो लडाई वो हसीं वो गर्मियों के दिन...
अब तेरी आगे की खुशहाल जिंदगी के ख्याल हैं संजोते..!!

-


23 DEC 2022 AT 10:08

तेरी नज़्मों से सफ़र ये रौशन हुआ...
रूहानी चेहरे से रूह रूबरू भी हुई,
तेरे दिल से तर्ज़ कुछ ऐसी जगी...
इस दिल में हलचल शुरू भी हुई,
ता-उम्र इश्क़ करना तु सिखाता रहे...
मैं वहीं ठेहर जाऊँ...ये आरज़ू भी हुई..!!

-


23 NOV 2022 AT 20:14

कहीं उदास होतीं हूँ तो वो मेरे पास नहीं होता...
प्यार तो करता है मगर शायद साथ निभाना नहीं आता...
कहती हूँ तो शिकायत समझता है मेरी बातों को...
शायद उसे प्यार होते हुए भी जताना नहीं आता...
मैं लोगों के सामने पर्दा डालती हूँ
उसकी खामियों पे... उसे मेरी खामिया भुला.. मुझे सहलाना नहीं आता...
जिस्म की जरूरतें तो खूब पहचानता हैं
वो मेरी और खुद की...
शायद उसे इस रूह की जरूरत को पहचानना नहीं आता..!!!

-


8 NOV 2022 AT 19:40

खुद ही वो मेरी जिंदगी में आए...
खुद ही मुझसे प्यार का इकरार किया,
खुद ही वादे किए इश्क़ निभाने के...
खुद ही बात करने से इंकार किया..!!

-


26 OCT 2022 AT 9:08

मेरा इश्क़ शायद तुझे पुराना सा लगे,
गिरते उठते दिल का अफसाना सा लगे,
मैं तो खतों वाली मोहब्बत से राबता रखती हूँ...
जिस्मों के पीछे भागना मुझे प्यार गवाना सा लगे..!!

-


15 OCT 2022 AT 22:18

कहना तो तुझे बहुत देर से चाहती हूँ...
पर कभी कह न पाती हूँ... के ऐसा इश्क़ तुझसे चाहिए मुझे...
तेरी हर बात मुझ पे ऐसा जादु कर जाए,
तु इस दिल के हर कोने को खुशियों से भर जाए,
मेरी रूह मेरे जिस्म से प्यारी लगे तुझको,
तेरे बिना इक पल भी भारी लगे मुझको,
मेरे लिए तु भी कभी शायरी सी लिखे,
मेरी नादानियों को शब्दों में पिरो तु डायरी सी लिखे,
सर्द हवायों में तेरे साथ बैठ टपरी की चाय भी पीनी है,
तेरे मोह के धागों से इस दिल की फटी चादर भी सीनी है,
तेरे इश्क़ के लाल रंग में फिर रंग सी जाना है,
ख्वाबों से निकल तुझे हकीकत में भी पाना है..!!

-


Fetching Gur Simran Quotes