Ladna tho sahaab sach ke..
liye padta hain..
Jhooth ke liye tho..
sari mehfil khadi hain..-
1222 1222 1222 1222
हुई कितनी तरक़्क़ी है ये आबादी बताती है,
गुलामी को नहीं छोड़ा ये आज़ादी बताती है।
विदेशी शौक हैं उनके अदा उनकी विदेशी सी,
खरीदा इक नहीं कुर्ता यही खादी बताती है।
हुई बचपन में शादी थी तो उनकी निभ नहीं पाई,
लगी है दिल पे हर इक चोट बर्बादी बताती है।
ये रिश्ता सात जन्मों का करो ग़र तुम यकीं इसपर,
सभी रस्में ये रूहानी यही शादी बताती है।
ग़ुलाबों का बगीचा था जहाँ अब खार हैं उगते,
बड़ा रौशन मकाँ था ये यही दादी बताती है।-
माँ तो माँ है माँ जैसा प्यार ना
कभी किसी ने किया
हम तो उनकी
धूल भी नहीं-
तोड़ेंगे गुरुर इश्क का और इस कदर सुधर जायेंगे,
खडी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर हम सामने से गुजर जायेंगे-
पहन कर खादी घुमना आसान है गली गली
हम अपने घर में सोये बेदाग बड़े अच्छे हैं|
सुर्ख पत्तों को लोग समेट लेंगें अलाव के लिये
हम अपनी दुनिया में खोयें बेगार बड़े अच्छे हैं|
मुफ़लिसी में गुजरी जिंदगी पर मुलज़िम न बने
हम अपने हीं हाल पे रोते बेहाल बड़े अच्छे हैं|
लालच कभी थी हीं नहीं किसी कुर्सी की हमें
हम अपनी बैठक में बैठें बेताज बड़े अच्छे हैं|
पहन कर खादी घुमना आसान है गली गली
हम अपने घर में सोये बेदाग बड़े अच्छे हैं|
#vindiaries.....-
मेनू भा गया छल्ला चाँदी का.........
जैसे प्यारो है गाँधी जी को कपड़ा खादी का।
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सत्य अहिंसा के पथ पे चलके
दिलाया बापूने हमे स्वाधीनता🇮🇳
खादिकी चलना सिखाके
सिखाया हमे स्वाबलंबिता✊️
जाती के पिता के इस जन्मदिन पर
है उन्हे बोहोत सारा सुभेच्छा🌺
"HAPPY GANDHI JAYANTI "-
चलन चलाया था खादी का गाँधी ने देश को एक करने के लिए,
बाद में कुछ देशी फिरंगियों ने खादी पहनी
और देश फिर कई हिस्सों में बँट गया।।
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