प्यार मैं तेरे जब पर ही गए हैं
मदहोश होने से फिर कैसे बचे
तू तो है चितचोर मेरा
दिल कर रहा बहुत शोर मेरा-
हो जाए एक बार
फिर ना हो दिल को करार
रात रात भर हो बाते बेशुमार
आए ना कोई दो दिलो मैं तकरार
निखरता रहे हुस्न मेरा
महकता रहे दिल तेरा
कसक रहे बेकरार
हो जब तेरा दीदार
शिद्दत का प्यार
हो जाये एक बार
फिर ना हो दिल को क़रार-
ज़िंदगी हेवान को इंसान बना देती है
सुख दुख कमज़ोरी और ताक़त मैं फ़र्क़ बता देती है
वक्त सबका बदलता है ये जता देती है
फिर भी इंसान पता नहीं अकड़ मैं जीता है
गुरूर के अलावा ना उसे कुछ दिखता है
सबकुछ यहाँ छूट जाना है
ज़िंदगी का कहाँ कोई ठिकाना है
जब तक है कर ले अहंकार को काबू
जाने के बाद कोई नहीं पूछेगा कोन था तू ?-
जहाँ तेरा बसेरा है
कैसे कहूँ की बस ..वही मेरा सवेरा है
सुकून जहाँ है बसता खुशिया जहाँ मुस्कुराती
मेरे दिल की गलियों मैं है तेरी आतिशबाज़ी-
सच्चा होने का दावा तो सब करते हैं
सच्चा होना कोई आम नहीं
सच सुन ना सब चाहते है
पर सच को पचाना कोई आसान नहीं
भाग दौड़ की दुनिया मैं सच का कोई नाम नहीं
जिसको सच बता दिया वो औक़ात अपनी दिखा गया-
यादें तेरी आती है ,आकर फिर ना जाती है
मुझे घेर ले जाती हैं ,मदहोश कर जाती हैं
बिखर जाती हूँ मैं ,इस बारिश मैं
चाहतो की साज़िश मैं
रंजिश ना ही कोई जहाँ
प्यार हो बस उस ख्वाहिश मैं
प्यार हो बाद उस ख्वाहिश मैं-
हरसू इतना दर्द क्यों है
ये ज़िंदगी बेदर्द क्यों है
क्यों खुशिया हासिल नहीं
क्यों हर शख़्स पर ग़म वाजिब है
जीने को तो जी रहे हैं ए खुदा
लेकिन ज़िंदा वाक़ई कोई नहीं
लेकिन ज़िंदा वाक़ई कोई नहीं-
बिखर जाऊ मैं तेरी बाहों मैं
घुल जाऊ साँसो मैं
छीन लू सारे ग़म तेरे
उमंग दूँ नई मेरे हमदम
मेरे हमदम-