रहो सावधान भौहें तान,
परखो देखो करो पहचान,
भेड़िया आया है या फिर,
इन्सान रूप में है इन्सान,
(पूरी रचना अनुशीर्षक में)-
स्टेशनों पर रखे
ऑक्सीजन तो समय पर पहुंचा नहीं पा रहे
और ये बुलेट ट्रेन चलायेंगे-
हम अच्छे दिनों के
उस ऐतिहासिक दौर में हैं,
जहाँ जीवित को अस्पताल
और मृत को शमशान नहीं मिल रहा!-
दूसरों की मजबूरियों के तवे पर अपने स्वार्थ
की रोटी सेंकने वालो, उन रोटियों से तुम्हारा
पेट खराब होना तो लाज़मी है।
और मजलूमों के पसीने की आँच से अपनी
वहशियत की खिचड़ी बनाने वालों तुम्हारी
जीभ जलनी भी लाज़मी है।
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#कटाक्ष
आज हरेले ने बहुत काम कराए हैं।
पौधों संग फोटो खिंचवाए हैं।
वॉट्सएप स्टेटस लगाए हैं।
अपना प्रकृति प्रेम दर्शाए हैं।
पर हम भी बहुत चतुर हूं,
पौधा हम एक भी नहीं लगाए हैं।
😥😥😥😥😥😥-
सलीका जिस्म दिखाने का भी
कुछ तो लाज़मी सा होना चाहिए
यूँ बिगाड़ कर ज़माना सारा
गुनाहगार नहीं ढूंढ़ना चाहिए-
मै लड़की बिल्कुल Modern सी,
तुम सीधे सादे नौजवान प्रिये...
मै खाती MacDonalds में,
तुम माड भात के शौकीन प्रिये...
©Wordsofanshika-
बिल आ गया!
जिसे देख बिजली विभाग पर दिल आ गया,
महीने से कारखाने में दिया-बाती नहीं की
फ़िर भी लाख रुपए का बिल आ गया
हाय बिजली विभाग पर दिल आ गया!!
सेविका ना काटना किसी की
प्रधानसेवक जी ने कथन किया है
लगता है बिजली विभाग ने व्यक्तिगत लिया है
तभी तो बिन श्रम किये मिटर चार्ज किया है!
बिन बत्ती जलाए लम्बा बिल दिया है
इतना प्रेम, प्रेमिका ने नहीं किया
जितना दिल खोल मिटर प्रभार दिया है
वाह क्या गजब किया है।-
अरे सुनो!
तुम तो वही हो न.....
जो कहते थे,"तुम्हारे बिना मर जाऊँगा!!"
"मर गए क्या???"-