जाने किसने बना दिया,
ये दान कन्या का,
देने वाला अपनी रौनक़,
दे देता है,
औऱ मिलने वाले को,
इसका मोल समझ नहीं,
आता है!!-
दान की गई कन्यायें,
हो जाती हैं,
जिन्दा लाशें,,
लाशें चाह कर भी,
चीख़ नहीं सकतीं,,
अगर चीख़ें भी तो,
सुनने वाली होती हैं,
सिर्फ लाशें,,
जो कभी,
बोल ही नहीं सकती,,
दान की गई कन्यायें,
हो जाती हैं,
जिन्दा लाशें,,-
खुशियां लाने के लिए हर दिन,
खुशियां बेचता है इंसान।
लुट जाता है पिता, बेटी भी दूर होती है,
आखिर क्यों ऐसा होता है कन्यादान।
-
निकाल कर अपने जिस्म से
अपनी जान देता है
बड़ा ही मजबूत है वो पिता
जो कन्यादान देता हैं.....!-
कन्यादान
एक विशेष अवसर पर कन्या का दान,
कहलाता है कन्यादान.
यह एक परम्परा है, रीती है,
जो वर्षों से चली आ रही है,
मुझे तो यह कुरीति ही नज़र आ रही है.
दान देने वाला झुककर खड़ा होता है,
और दान लेने वाला खजूर से भी बड़ा होता है.
दान देने वाले की गर्दन झुकी-सी क्यूं लगती है,
और दान लेने वाले को हर चीज़ में कमी-सी क्यूं लगती है-
Nikaal Kr jism se apni Jaan de deta hai..
Bada majboot hai vo pita Jo ,
" kanyadaan " deta hai ! 🙂-
पापा तूने तो कर दिया कन्यादान
अब मुझे सुसराल का कर्ज चुकाना होगा
तेरी ही दहलीज़ पर तुमसे मिलने आने से पहले
मुझे पति के चरणों में सर झुकाना होगा-
अपने शरीर से जान निकाल कर
वह किसी और को सौंपता है...
दिल कितना मजबूत होता है न?
उस पिता का जो 'कन्या दान' करता है !-