ना तन्हा रही, ना आबाद हूँ,
तेरे बाद बस एक याद हूँ ।
लबों पे हँसी, आँखों में नशा,
मैं दुनिया के लिए आबाद हूँ ।-
🎂24 july
"हर पंक्ति में आपका ही अक्स है 💕"
मैं... read more
हमारा मिलना शायद
विषाद के उन क्षणों का
प्रतिफल रहा होगा,
जिनमें हमारे अश्रुओं ने
निर्वाक होकर
सीधे ईश्वर के हृदय को
अर्पित होना चुना !-
जीवन की परिस्थितियाँ भले साधारण हों,
लेकिन असली क़ीमत इस बात की है
कि तुम उनसे क्या रचते या बनाते हो।-
और सबसे अधिक,
मैं खुद को माफ करती हूँ
कि मैंने प्रेम में खोकर
अपने अस्तित्व को भुला दिया।-
जनसत्ता और कलमकार
कलम से कितनी सुंदर कल्पनाएं रचते हो,
उतने ही सुंदर कसीदे पढ़ते हो...
लिखते-लिखते उसे जाने कहां तक सच करते हो ।
जिस दिन कलम पे सरस्वती विराजित हो जाएंगी
तब तुम पूरा साम्राज्य तो न लिख लोगे !-
जब गढ़ने लगूँ तुम्हारी मानिंद कृतियाँ,
समा सकूँ उनमें तुम्हारी सारी स्मृतियाँ ।
तो कहना बहुत सिद्धहस्त हूँ मैं,
कहीं भ्रम तो नहीं, बहुत प्रसिद्ध हूँ मैं !!-
संसार भर की समस्त प्रार्थनाओं में,
सबसे शुद्ध प्रार्थना है
तुम्हारे प्रेम में ली गई मेरी सांसे
और तुम्हारी उन्नति हेतु
धड़कती मेरी धड़कनें ।-