Tu jaan hai ❤
Aur tujhse hi jahan hai..-
नेता जी थे माना रहे, आज जीत का जश्न,
हमे देख "तुम कौन हो ?" पूछ लिया ये प्रश्न,....
पूछ लिया यह प्रश्न, हम हुए हक्के-बक्के,
कल तक कहते थे, दोस्त हम सब-से-पक्के,
हम से कल तक मांगते, पैसे रोज उधार,
हाथ पाँव थे जोड़ते, दिन में सौ-सौ बार,
लिया चुनाव जीत, भूल गए हम को भैया,
आज बने हैं साँड, रहे कल तक जो गैय्या ...
कुर्सी मिलते हो गए, पल भर में बलवान,
कल के दादा कोंडके, आज भये सलमान,
कहे काका कविराय, बात यह बड़ी विचित्र,
गांठ बांध लो भैया जी, नेता कभी न मित्र .....-
Krishna..
Sirf nam nehi pyar chupi he ishme.... Kyu ki kaka nd kaki tum logo ne jo diya he❤
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सच्चाई पड़ी है खाट पे , जोहे अपनी बाट
कौन करे इसका भला , जो सिल दे इसकी टाट
सिल दे इसकी टाट , मीडिया उत्साही है
कुछ दान दक्षिणा दो , खबर फिर मनचाही है
कहत कवि कविराय , झूठ बलवान बहुत है
न्यूज हो रहा "यूज" , मगर सम्मान बहुत है....
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हिक़मत ख़ुदा की देखिए कि दुनिया में आए हम
हुक़्म-ए-रब्बी से ख़ुद को नुमाया कर रहें हैं हम-
इश्क़ इश्क़ में नप गए , खप गए लोग हज़ार
गर्क हुआ बेड़ा मगर फिर भी है बाज़ार
फिर भी है बाज़ार बात है बस इतनी सी
हुस्न चले या इश्क़ , जवानी है कितनी सी
कहत कवि कविराय, जंग अब भी जारी है
हुस्न रहे तैयार , इश्क़ की अब बारी है....
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काका,
हमारे घर बिटिया आई है.... भाई पिता बन गया...
आपको याद है न, उसके रोने पर आप और मैं कैसे आंगन में दौड़ लगा कर उसे चुप कराते थे.... वो छोटा सा पिंकू बाबा बन गया...
मैं जानती हूँ कि आप जानते हैं... पर क्या आप ये जानते हैं कि मुझे कितनी इच्छा हो रही है आपकी प्रतिक्रिया देखने की... आपकी वो हंसी सुनने की...
काका... आप एक बार हाथ फेरेंगे न हमारे बच्चों के सर पर....
आपकी मैना....-
"Don't worry about the ups and downs in life! Look at me. I face them every day as a liftman," he cracked the old elevator joke, as Riya entered the crowded lift.
A bundle of knowledge and as energetic as a three-year-old kid, Kaka, as he chose to call himself, was a die-hard Rajesh Khanna fan.
Riya would chuckle when he would hum one of his favourite Rajesh Khanna song, 'Mere Sapno Ki Raani Kab Aayegi Tu!'
It was later that she learnt that he sang the song in memory of his wife, whom he had met in an elevator thirty years ago.-
काले जे लिबास दी शौकिनण कुड़ी
निंददी नी कदे मैं सलेरे रंग नू
रब दे बणाए बंदे
कौण माड़ा सब चंगे
क्यूं तूं समझदा आकड़ चुपचाप रेहण नूं
वे ऐ काले जे लिबास दी शौकिनण कुड़ी
निंददी नी कदे मैं सलेरे रंग नू
खिड़दा ऐ चित मेरा
दिसे जदों मुख तेरा
सजरी वियाही जीवें तक्के वंग नू...-