✍️🌹✍️ आदाब दोस्तों ✍️🌹✍️
अर्ज़ किया है कि....
उससे तो इल्तिज़ा ये ज़रा करके देखिए
सूरज के साथ चाँद रहे फिर कमाल हो
221. 2121. 1221. 212-
Chirag Rahi
(चिराग़ राही)
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रहेंगे जब तलक जिन्दा कुछ ऐसा लिख के जाऐंगे
रहें न हम जमाने में मगर हम याद आएंगें
रहें न हम जमाने में मगर हम याद आएंगें
Joined 2 February 2019
14 JUN AT 11:56
4 JUN AT 17:27
🥀🌹🥀 प्यारे दोस्तों आदाब 🥀🌹🥀
अर्ज़ किया है कि....
ये जहां जहां की ये मस्तियां
तेरी चाहतों पे निसार है //1
🥀
जब तलक है तू मेरे सामने
मेरा दिल ये बाग़-ए-बहार है //2
🥀
तेरे साथ हूँ तो है ये असर
सुबह कब हुई मेरी क्या ख़बर //3
🥀
तू अगर नहीं तो ये ज़िन्दगी
इक बुझा बुझा सा चिराग़ है //4
वज़्न=212. 1221. 212-
2 JUN AT 21:21
❤️💐❤️ आदाब दोस्तों ❤️💐❤️
अर्ज़ किया है कि...
जीने को यूं तो जी लेगें हम
दिल को है बस तेरे जाने का ग़्म-
27 MAY AT 12:54
🌹❤️🌹आदाब दोस्तों 🌹❤️🌹
अर्ज़ किया है की...
शब-ए-तनहाई में अक़्सर तेरा जब नाम लेता हूँ
धड़कता है कलेजा तब उसे मैं थाम लेता हूँ
1222. 1222. 1222. 1222-
26 MAY AT 21:31
आतिश-ए-तुंद से भरी दुनिया में
कौन यहाँ किसकी सुनता है
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"आतिश-ए-तुंद" आक्रामक और तीव्रता से भरा हुआ-