🌹❤️🌹 आदाब दोस्तों 🌹❤️🌹
अर्ज़ किया है कि...
जिस महरबाँ पे अंधा ए'तबार किया है !
इज़्जत को मेरे उसने दाग़दार किया है !!
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रहें न हम जमाने में मगर हम याद आएंगें
काम बिगड़ गया तो क्या हुआ
फिर से कोशिश करते हैं हम
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फिर से कोशिश करते हैं
बिगड़े काम संवारेंगे हम
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🌹❤️🌹 आदाब दोस्तों 🌹❤️🌹
अर्ज़ किया है कि....
उखाड़े पेड़ सब हवाओं ने
परिंदे अब उदास बैठे हैं =>1
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है पाला जिसको मैंने ही जतन से
वो कुत्ता भी मुझी को काटता है =>2
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💐🌹💐 आदाब दोस्तों 💐🌹💐
अर्ज़ किया है कि....
बिन पिये चैन अब कहाँ साक़ी
तुझ को ढूंढा यहाँ वहाँ साक़ी
कोई सुनता नहीं है दर्द मेरा
तुम जो सुन लो करूँ बयाँ साक़ी
2122 1212 22-
मैंने सच में क़िताब लिख्खा है
उसमें सब कुछ जनाब लिख्खा है /1/
सबको जाना है फ़ानी दुनिया से
ज़िस्म को इक हुबाब लिख्खा है /2/
फ़ेल होते हैं इम्तिहां में वो
जिसने पर्चा ख़राब लिख्खा है /3/
जिसकी दुनिया तबाह हो जाएं
गो ख़ुदा ने अजाब लिख्खा है /4/
फ़ख्र क्यों ना करे "चिराग़"आख़िर
शे'र सब लाजवाब लिक्खा है /5/
चिराग़ राही-
🌹❤️🌹 आदाब दोस्तों 🌹❤️🌹
अर्ज़ किया है कि....
कोई बिछड़ के चला जाए ग़म नहीं होता
किसी के जाने से अब आँख नम नहीं होता
1212 1122 1212 22
11 / 04 / 2025-