रब ज्योत   (rabby)
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Joined 22 September 2018


Joined 22 September 2018
25 APR 2021 AT 17:53

कोशिश करो
संवेदनाएं सुलगाओ
ज़मीर जगाओ तो सही
जिन्हें अंधभक्ति की प्रकाष्ठा तक ले आये थे
इस विपदा में उन बेचारों के ही काम आओ तो सही
हां...!!! दवाऐं,ईलाज बड़ा मंहगा दूभर है
मरणोपरांत चिता की अग्नि सुलभ कराओ तो सही
ज़िंदा ही लाशों जैसे हुए हैं हालात
मुर्दा पर गन्दी राजनीति चमकाओ तो नहीं।

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22 APR 2021 AT 16:36

वो मर चुका है
"हिटलर" जो कहा करता था..
"जनता को इतना निचोड़ लो,
के वो ज़िंदा रहने को ही विकास समझे"
पर नहीं...
विचर रही है उसकी आत्मा
आज भी सियासती गलियारों में
आम जन मर रहा,
वो और उसके प्रिय नेता
मशगूल हैं
चुनावी मुशायरों में...

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13 APR 2021 AT 18:48

शहीद हुए वतन के लिए
आम नहीं आप ख़ास हैं
मैं वारी जाऊं महान पुरखों के
सांसों के साथ विरला एहसास है।

बंद करे सियासत ज़हर फैलाना
उनके वारिसों पर ऊंगली उठाना
होश में नहीं ये सियासती ज़ालिम
नाशुक्रा है... बदहवास है...।

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23 MAR 2021 AT 12:25

मैं आपदे अंदरीं कई वार तेनू भाल्दी हां
होरां लई होवेंगां तूं "भगत" सिंहां
ऐ "शहीद ए आजमां"
मैं इबादत करदी हां तेरी
तेनू ख़ुदा जाणदी हां।

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22 MAR 2021 AT 20:36

जो इंसान दुनिया लई अरदास करदा ऐ
उसनूं अपणे लई अरदास करण दी लोड़ नईं पैंदी।

A person who prays for others
Does not need to pray for himself.

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13 MAR 2021 AT 20:30

आज जिंदा वो हैं, जिनके ज़मीर सच की गवाही दें
और मर चुके हैं वो,जिन्हें हकूक की आवाज़ें ना सुनाई दें

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8 MAR 2021 AT 21:28

मुख्तलिफ़ हैं अदाएं
उनके आगे हर रंग सादा है
क्या बताएं नूर ए इंतहा की बाबत
बस यूं जानिए,
वो इक मुकम्मल सी मुलाक़ात...
और अब तक देखा,
हर चौदहवीं का चांद आधा है...

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8 MAR 2021 AT 19:22

सो क्यूं मंदा आखिए
जित जन्मे राजान।

Why call her bad?
From her kings are born.


(-SGGS, ANG : ४७३)

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24 FEB 2021 AT 19:07

मनाही,आलोचना,तर्क-वितर्क,नापसंदी,
या यूं कहें सिर्फ़ इक कोरी सी ना...
हर स्त्री तो आज भी नहीं कर पाती
साफ़ सीधे लहज़े में इसका प्रयोग
तो जो कुछ एक करतीं हैं...
उनमें पुरुषत्व भाव की उपस्थिति
नई तो नहीं होती होगी,
शायद, वो जो छोटा शरारती बच्चा
बस्ता है हर इक शख्स में
वो सहसा परिपक्व हो जाता होगा उनमें।

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20 FEB 2021 AT 0:04

मेरा अज वी तूं
मेरा कल वी तूं
मेरी हर मुश्किल दा हल वी तूं
🙏🙏🙏

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