महात्मा ज्योतिबा फुले ने कन्याओं को शिक्षित करने के लिए भारत का पहला स्कूल पुणे में खोला
भारतीय महिलाएं आपकी आभारी हैं-
राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले जी यह मानते थे कि जब तक
भावी पीढ़ी का निर्माण करने वाली माताएं व बहने
अशिक्षा के अंधकार में डूबी रहेंगी तब तक हमारा देश
व समाज की वास्तविक उन्नति नहीं हो सकती और इसलिए
उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने पर बल दिया।
जब इस कार्य के लिए उन्हें कोई महिला शिक्षिका नहीं
मिली तो उन्होंने स्वयं अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले
को शिक्षित कर शिक्षिका बनाया जिससे वह महिलाओं
को शिक्षा दे सकें और 1848 में प्रथम महिला
विद्यालय की स्थापना की।
महात्मा फुले ने किसानों और श्रमिकों के हितों व
उनके समृद्ध जीवन के लिए भी अनेकों प्रयास कियें
और उन्हें शिक्षित और संगठित किया। उन्होंने देश के
युवाओं से आह्वान किया था कि वे देश, समाज,
संस्कृति को सामाजिक बुराइयों तथा अशिक्षित से
मुक्ति करें और स्वस्थ व सुद्दढ़ समाज के निर्माण के
लिए आगे आयें।
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देश के सच्चे महात्मा को मेरा कोटि कोटि प्रणाम
हमारे महात्मा आप थे, आप है, और आप ही रहेंगे...
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स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक, समाज सुधारक
महात्मा ज्योतिबा फूले की पुण्यतिथि पर नमन।-
ये जो पढ़ रही है
आगे बढ़ रही है औरत ;
सावित्री ज्योतिबा है ये
आपकी बदौलत ..!-
हर कदम पर एक बेहतरीन शिक्षक मिलेगा,
तुम ताउम्र छात्र बने रहने का धैर्य बनाये रखना।।-
विद्या बिना गयी मति,मति बिन गई गति,
गति बिन गयी नीति,नीति बिन गया अर्थ।
शुद्र वर्ग टूटा बिन अर्थ,
एक अविद्या ने किए कितने अनर्थ।।
★शिक्षासूर्य ज्योतिबा फुले को
उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत शत नमन★
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भारत मे राष्ट्रीयता की भावना का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक खान पान व वैवाहिक सम्बन्धों पर जातिय बंधन बने रहेंगे
- महात्मा ज्योतिबा फुले
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कविता :- रियांश
आदित्याचा प्रथम किरण म्हणजे रियांश
प्रदीप-वृषालीचा अंश म्हणजे रियांश
आजी आजोबांचा नवा मित्र म्हणजे रियांश
घरादाराच चैतन्य आणि आनंद म्हणजे रियांश
शाक्यमुनी गौतमासारखे सम्मासंबुद्ध तू व्हावे
आकाशगंगे एवढे विस्तृत यशस्वी तू व्हावे
अत्त दिप भव: आशिषरुपी मंत्राने तू प्रदीप व्हावे
संस्कार,स्वास्थ्य,सुख,ऐश्वर्य,समृध्दीने संपन्न तू व्हावे
भारतरत्न बाबासाहेबांसारखे प्रेरणा तू बनावे
महात्मा ज्योतिबांसारखे कर्तव्यनिष्ठ तू बनावे
शिवाजी महाराजांसारखे निडर तू बनावे
अब्दुल कलामांसारखे आदर्श तू बनावे
आयुष्यमान भव:, आशिष तुला अनंत
हो यशवंत, धनवंत, कीर्तीवंत, गुणवंत
शुभकामना तुला , तू हो ओक्षवंत
जळी स्थळी तू हो महंत
अनंत आशिर्वाद तुला, कामना प्रथम जन्मदिवसाच्या
जीवनी तू हो खूप मोठा, कामना भविष्याच्या
रोशन कर तुझ्या कुळाचे नाव या जगती
आसमंत सदैव असो उल्हासाचा तुझ्या स्वागती
....@जय
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