मेरा मन मुझसे कहता है,
पागल कितनों को सहता है?
क्यों ऐसे ही तू रहता है?
अब ऐसे रहना छोड़-छोड़,
सीधे रस्ते को मोड़-मोड़!
मैंने भी मन को बता दिया
एक बात कहा,और जता दिया,
पुरुषोत्तम वो जो शहनशील,
तुझको क्यों चूभती कील-कील?
मेरा मन ढीठ चुप ना रहा,
मुझसे दूरी ना उसने सहा,
उसने भी पलटकर मुझसे कहा,
तू महान और तेरी सोच,
पर लोग निकालेंगे इसमें खोट!
उसपर भी ना मैं मौन रहा,
अगले ही पल मैं लपक कहा,
उनको उनका कहने दे रे मन,
सफ़ल बने उन सबका जीवन!
अपने करम मैं किया करूँगा,
उनके लिए ही जीया करूँगा!
तब जाकर मन हाथ जोड़,
कहता मुझसे शब्दों को तोड़,
तू कलयुग का है राम-राम
कर ले पूरा हर काम-काम!
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अगर आपको कोई करीबी व्यक्ति से दुख हो तो दो बातें हमेशा याद रखना
१) अगर दुख important हो तो व्यक्ति को भूल जाना
और
२) व्यक्ति important हो तो उस दुख को भूल जाना-
When people underestimate you..., demoralize you..., insult you..., consider them as stepping stones to reach great heights.
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यो संसारमा माया प्रेम भन्ने कुरु मानिसहरुबाटा हटेर जान्छ होला।
किन की आजकाल त निस्वर्था मायाहरु पशुहरुमा पो देख्छु।-
Find yourself, discover
yourself. There's quality
inside you which is unknown
to you. Please develope that.-
कोई भी तुम्हारी डिग्रियां नही देखेगा,
जब तुम एक LAMBORGHINI को चलाओगे।
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भाग कर जाओगे कहां...
चाहे राहें कितनी भी अलग हो,
सबकी मंजिल एक है।
ये मत सोचो अपने कर्मों से बच जाओगे,
भाग कर जाओगे कहां... अपने कर्मों के फल यही पाओगे ।-
The effort changes the rules in every effort.
In search of a better tomorrow, everyone has forgotten to live their today.-
हम काफ़िर हैं साहब
मंज़िलें मिलें ना मिलें
बस यूंही रास्तों को नापते फिरते हैं...!!!-
अपनी मुसीबतों को इस कदर.........
जैसे अपनी मोहब्बत को सीने लगाने की,
ख्वाहिश रखते हो.........
फिर देखो,मुसीबतें भी
अपनी लगेगी,रुकावटों से प्यार हो जाएगा,
कांटो पर चलने की आदत हो जाएगी,
और मंज़िल जल्दी मिलेगी।
एक बार खुशी से मिलो मुसीबतों से मेरे दोस्तों..........
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