तिजोरियों पे नज़र और लोग रखते हैं मैं आसमान चुरा लूँगा जब भी मौक़ा लगा -
तिजोरियों पे नज़र और लोग रखते हैं मैं आसमान चुरा लूँगा जब भी मौक़ा लगा
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अच्छी सूरत वालों के हिस्से में तारीफ आई अच्छे दिल वालों के हिस्से में सिर्फ तन्हाई आई -
अच्छी सूरत वालों के हिस्से में तारीफ आई अच्छे दिल वालों के हिस्से में सिर्फ तन्हाई आई
बरसों सजाते रहे किरदार को हम कोई बाजी ले गया सूरत सवारकर। -
बरसों सजाते रहे किरदार को हम कोई बाजी ले गया सूरत सवारकर।
एक स्त्री अपनी क्षमता से भी ज्यादा भार उठाती है,फिर भी समाज में वह कमजोर कहलाती है। -
एक स्त्री अपनी क्षमता से भी ज्यादा भार उठाती है,फिर भी समाज में वह कमजोर कहलाती है।
अंधेरे से निकला तो रोशनी बन गयातरक्की में एक गांव शहर बन गया -
अंधेरे से निकला तो रोशनी बन गयातरक्की में एक गांव शहर बन गया
यह एक बार यकीन करने का ही तो नतीजा हैदिल को दुखाने का मौका उसे फिर क्यों दे रहा है? -
यह एक बार यकीन करने का ही तो नतीजा हैदिल को दुखाने का मौका उसे फिर क्यों दे रहा है?
इक ज़ख़्म मुझ को चाहिए मेरे मिज़ाज का यानी हरा भी चाहिए गहरा भी चाहिए क्या है जो हो गया हूँ मैं थोड़ा बहुत ख़राब थोड़ा बहुत ख़राब तो होना भी चाहिए -
इक ज़ख़्म मुझ को चाहिए मेरे मिज़ाज का यानी हरा भी चाहिए गहरा भी चाहिए क्या है जो हो गया हूँ मैं थोड़ा बहुत ख़राब थोड़ा बहुत ख़राब तो होना भी चाहिए
सब्र इंसान के जहन से उतर रहा हैछोटी-छोटी बात पर भी आदमी गालियां उगल रहा है -
सब्र इंसान के जहन से उतर रहा हैछोटी-छोटी बात पर भी आदमी गालियां उगल रहा है
हर कोई इस बात से जल रहा हैकि यह गिर गिर कर कैसे संभल रहा है -
हर कोई इस बात से जल रहा हैकि यह गिर गिर कर कैसे संभल रहा है
रात की नींद खुली भी नहीं होती कि सुबह ही दुकान का शटर खोल लेता है।जिम्मेदारियों से घिरा आदमी "यहां पर सब ठीक है, बोल देता है। -
रात की नींद खुली भी नहीं होती कि सुबह ही दुकान का शटर खोल लेता है।जिम्मेदारियों से घिरा आदमी "यहां पर सब ठीक है, बोल देता है।