Akash Kumar  
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Joined 9 May 2019


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18 NOV 2023 AT 19:29

तिजोरियों पे नज़र और लोग रखते हैं
मैं आसमान चुरा लूँगा जब भी मौक़ा लगा

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13 NOV 2023 AT 16:40

अच्छी सूरत वालों के हिस्से में तारीफ आई
अच्छे दिल वालों के हिस्से में सिर्फ तन्हाई आई

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12 NOV 2023 AT 16:44

बरसों सजाते रहे किरदार को हम
कोई बाजी ले गया सूरत सवारकर।

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28 AUG 2023 AT 9:59

एक स्त्री अपनी क्षमता से भी ज्यादा भार उठाती है,
फिर भी समाज में वह कमजोर कहलाती है।

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23 AUG 2023 AT 17:37

अंधेरे से निकला तो रोशनी बन गया
तरक्की में एक गांव शहर बन गया

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22 AUG 2023 AT 21:42

यह एक बार यकीन करने का ही तो नतीजा है
दिल को दुखाने का मौका उसे फिर क्यों दे रहा है?

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8 AUG 2023 AT 18:30

इक ज़ख़्म मुझ को चाहिए मेरे मिज़ाज का
यानी हरा भी चाहिए गहरा भी चाहिए
क्या है जो हो गया हूँ मैं थोड़ा बहुत ख़राब
थोड़ा बहुत ख़राब तो होना भी चाहिए

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3 JUN 2023 AT 11:42

सब्र इंसान के जहन से उतर रहा है
छोटी-छोटी बात पर भी
आदमी गालियां उगल रहा है

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26 MAY 2023 AT 10:08

हर कोई इस बात से जल रहा है
कि यह गिर गिर कर कैसे संभल रहा है

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18 MAY 2023 AT 10:59

रात की नींद खुली भी नहीं होती कि
सुबह ही दुकान का शटर खोल लेता है।
जिम्मेदारियों से घिरा आदमी
"यहां पर सब ठीक है,
बोल देता है।

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