मेरे बेवफ़ा हम-दम मैं तेरी बेवफ़ाई भी ख़ुद पे सजा लेता हूं
कुछ यूं बहाने करके तुझे सबकी बद्दुआओं से बचा लेता हूं
मेरे ग़मों की वजह तुझे मानते हैं मेरे सब दोस्त रिश्तेदार भी
कहीं तू रुसवा न हो जाए इसलिए मैं अपने ग़म छुपा लेता हूं-
17 NOV 2021 AT 6:58
17 AUG 2019 AT 5:53
मेरे हमदम मेरे रहनुमा हो तुम,
सच बताओं,
ये सच सुनकर कहीं,
खफ़ा तो नहीं हो जाओगे-
5 JUL 2021 AT 14:02
महफ़िल सजी थी
ज़िक्र हो रहा था वफाओं का
कोई गम जता रहा था कोई इश्क़ बता रहा था
एक मैं था जो हमदम छुपा रहा था-
6 MAR 2020 AT 15:18
कब से अधूरा था जो मेरी इबादत का सफ़र,
आपसे मिलकर मुक्कमल हो गया हमदम।-
22 FEB 2020 AT 23:26
खुशियाँ लिखूँ या ग़म लिखूँ
तुमको ही हरदम लिखूँ
रहते हो दिल ए दरिया में तुम
क्यों न तुम्हें हमदम लिखूँ-
27 MAY 2020 AT 5:46
wo v kya zindagi thi na kisi ke baato ka koi gum tha na teri yadon ka humdum tha
bs tumhare piche chal rahi thi
kyuki sath to tu har dam tha........-
27 JAN 2022 AT 21:25
सांसों से गुफ्तगू , धड़कनों में जुस्तजू कर लूं
आज मैं पूरी अपनी हर एक आरज़ू कर लूं।।
तुझको ही बसा कर हमदम अपनी हसरतों में
उम्र भर के लिए तुझे अपने दायें बाज़ू कर लूं।।-
1 SEP 2021 AT 20:45
Vo duriyaan bdha leta hai.,
Mgar dur nhi rh pata hai.!!-