इक फूल है गुलाब का, बस आपके लिये
चाहे लबों को चूमिए, चाहे लबों से चूमिए
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मेरे दिल का हसीन ख़्वाब हो तुम
मेरे सारे सवालों का जवाब हो तुम__
मैं जितना और जब तक लिखू तुझ पर
जो भरती नही मोहब्बत की वो किताब हो तुम__
मेरी ज़िंदगी को कुछ यूँ महका दिया है तुमने
यकीनन एक हसीन ग़ुलाब हो तुम __-
🌹उस गुलाब को मैं क्या गुलाब दूं🌹
जिसकी महक से और खिलने से मैं खिल जाती हूं
उस गुलाब को,गुलाब क्या अपना दिल अपनी जान दूं
जिसके प्यार की आस में,अपना दिन क्या जिंदगी बिताती हूं
Happy Rose day 🌹
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गुलाब के जैसा हुआ था इश्क हमको
जितनी ख़ुसबू थी उससे ज्यादा कांटे थे•-
दिन भर पिया साँसों से रात को लबों से पी गया
मोहब्बत मेरी पहले गुलाब थी फिर शराब हो गयी।-
Gulaab si khushboo ho
Zindagi ekdam haseen ho
Hamesha khush raho
Paas koi gam na ho
Saath hamara aisa ho
Phool ke khushboo jaisa ho
Mere phool jaise dosto ko
Happy rose day dosto
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तेरे गुलाब को आज तक सम्भाल रखा है,
अपनी दिल की डायरी में...
उसे आज तलक रखा है,
वो उसकी खिली लाल~लाल,
सुलक पंखुड़ी..
वो उसकी सहमी सहमी,
हरि पत्तियां...
हर पल तेरी सूरत याद दिलाती है,
वो तेरा गुलाब देख,
तेरी हर बार याद आती है।
तेरा गुलाब आज भी महकता है,
तेरा प्यार आज भी जुर्म ढाता है।
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उस रोज़...
ढलती शाम की मद्धम रोशनी में
देखा था तुम्हें चुपके से
गुलाब की पंखुड़ियों को
तोड़ती तुम कुछ खोई सी
हर पंखुड़ी के साथ जैसे
कर रही थीं आंकलन हमारे
प्रेम का
तुम्हारी याद दिलाती वो
पंखुड़ियां रख ली थीं सहेज के
मैने डायरी में
जिसमें महकती है हमारी
प्रेम कहानी आज भी...
कितना खूबसूरत है न!
ये सुर्ख लाल रंग
प्रेम का...
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उसका दिया गुलाब आज भी सम्भाल के रखा है
उसका दिया गुलाब आज भी सम्भाल के रखा है
उसे मुझसे कभी तो मोहब्बत थी शायद
वहम अच्छा है पाल के रखा है
HAPPY ROSE DAY-
रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी
जिसे दोस्त मिल जाए आप जैसा
उसे जिंदगी से शिकायत क्या होगी-