अगर ना पड़ते इन इश्क के अजाबों में
तो, ज़िंदगी में कुछ बड़ा कर गए होते
और बड़ी तरकीबों से संभाला है खुद को
वार्ना तुम्हारे बाद कब के बिखर गए होते-
मेरी हर अदा पर तुमने सिर्फ एक शायरी लिखी थी
मेरे दिल में तुम्हारी हर अदा पर एक किताब छपी थी
इज़हार तुमने किया तो था मगर सच कहूं
तो बस एक गुलाब की कमी थी।-
मोहब्बत तो हम भी
कमाल की करते थे जनाब
लेकिन टूटे हुए गुलाब
ज्यादा दिनों तक महका नहीं करते!?-
Pyar Ki Anokhi Surat Ho Tum
Zindgi Ki Sabse Jayda Jarurat Ho Tum.!.!.!
Gulab Toh Khubsurat Hi Hoti Hai
Gulab Se Bhi Jyada Khubsurat Ho Tum.!.!.!
------------- Happy Rose Day -----------------
आज किताबों में दबे हुए सूखें फूलों नें हँस कर कहा..
अगर लौैटे कभी प्यार का मौसम,
तो बता देना हम अब भी यहीं हैं...-
मुरझाए गुल को जो महका दे, हर गुलशन का इत्र वही है।
पल में दिन की खुशी दिला दे, मेरे मन का मित्र वही है।-
Aaj jo gulaab maine tujhe diya
Kl wo tu kisi or ko de degi,
Kya sikhun us gulaab se main
Jo ishq k naa pr sirf sauda kregi .-
जो पहले से गुलाब हो उसे कौन सा गुलाब दिया जाए
बस जान ही बची है यहां उससे भी दे ही दिया जाए-