मैं गलती बहुत ही संगीन कर बैठा
वह झूठ बोली और मैं यकीन कर बैठा
रातभर किसी और से बातें करती रही
और मैं उसकी याद में राते रंगीन कर बैठा
अंदर से खोदने लगे वो लोग ही मुझे
जिनके नाम मैं अपने दिल की जमीन कर बैठा
उसे भूले बिना ही लगा लिया किसी और से दिल
आकाश यह गलती तू फिर बड़ी हसीन कर बैठा-
कुछ खामोशियां दिल में दबाए बैठे हैं
तेरी यादों को जहन से मिटाए बैठे हैं
तुम्हें जाना है तो बेशक चले जाओ
हम भी किसी और से दिल लगाए बैठे हैं-
इश्क एक खंजर हैं
दिल में चुभता मंजर हैं
कहा ढूंढोगे मेरे कातिल को
वो छुपाता मेरे अंदर हैं।-
कैसी होती है मोहब्बत
यह तो में जानता नहीं
ख्वाबों में अगर तुम्हें ना देखूं
तो सुबह मैं खुद को पहचानता नहीं-
चांद चांदनी को चाहता है जिस कदर
तुम चाह लो मुझे उसी कदर
सारा जमाना जल जाए हमारी मोहब्बत से
चल मोहब्बत करे इस कदर-
अपनों के दिए जख्मों से कभी खून नहीं बहते
जब टूटा हो दिल तो आंखों से आंसू नहीं बहते
लाख कोशिश कर लो तुम मुझे डुबाने की
पर समुंदर की लहरों से कभी किनारे नहीं बहते।
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होली के दिन रंग बदल लिया उसने
अब वो मोहब्बत की जगह है दर्दो के रंग लगाएगी।-
याद जब भी मेरी तुझे आएगी
तेरी सांसे ही सांसों को सताएगी
कैसे की जाती है बेपनाह मोहब्बत
यह तो आकाश की मोहब्बत ही तुझे बताएगी।-