कभी कभी ,कुछ बदलने से
बदल जाता है बहुत कुछ ।
तब थोड़ा संभलने से
संभल जाता है बहुत कुछ ।
आज अगर हार ही गए तो क्या हुआ,याद रखो
गमों का गर्दिश भी सिखलाता है बहुत कुछ ।।
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नाज़ुक सी हूँ मै पर मेरे सपने बड़े ,
औकात न हो फिर भी मेरे होंसले बड़े।-
चाहत तो बहुत मुकाम की है,
जो सोचा है परवान हो जाए ।
फिलहाल ख्वाहिश है,
मेरी कलम आम हो जाए !-
माना कि बहुत गुरूर है तुम्हें ,
अपनी ऊंचाई पर ए मंजिल।
पर हम भी बिना सफलता के
पीछे नहीं हटने वाले ।।
आखिर पूरा बचपन गवा कर,
जवानी को व्यस्त कर दिया ,
तुम्हें पाने कि चाहत में।।
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Me : You know, last night I had a dream that we went on a world tour.
She : So, which countries did we visit?
Me : No, duffer. We explored the city, we were living in, walking hand in hand, kissing, hugging, arguing, roaming aimlessly. You're my world and we went on a tour.
She : Aww. Let's go on a world tour everyday.
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किसी की मंजिल तो किसी के मंजिल की सीढ़ी है वो
बढ़ने वाला हर कोई काबिज नहीं ऐसी ही एक पीढ़ी है वो
लड़ना सिखाया जाता है हर किसी को जिंदगी की इस जंग में
कोई जीत कर है नाम कमाता कोई हार कर भी नाम बनाता संग में-
मेरा लक्ष्य
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
मेरे पापा का सपना है।।
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
उम्मीदें मेरे अपनों की है।।
जिसमें दम है जितना दम है ,
सारा यहां लगा लो तुम।।
एड़ी चोटी का जोर लगा के
मुझे रोक के दिखा दो तुम।।
तुम्हारा रोकना ,टोकना और बदुआ भी
मुझ पर असर ना कर पाएंगी
मैं न रुकने वाली इनसे क्यूंकि
मेरा लक्ष्य ,लक्ष्य नहीं सिर्फ
मेरे पापा का सपना है।।
जिसको पूरा करना,
मेरा अपना खुद का सपना है।।
_ भारती गुप्ता-
ये फितूर न जनाब , आपको फकीर बना देता है ।
हर लम्हें , मलंग की धुन मिज़ाज में रवां देता है ।
सच्चा इमान, मकसद इसमें कोई गर देता है ।
ज़ाया नहीं उम्र , न कोशिश को होने देता है ।
अनसुलझे पहलू , को आगाज़ दे देता है ।
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