1: कोई जैसा रंग कहे भर दूँ पनों में. पर ये तेरी आँखों का काजल तो नहीं. 2: कर कोई बाधा फिर से दिल में उतर जाऊं. सियासत थोड़ी हूँ जो जुबाँ से मुकर जाऊं. 3: तेरी इश्क कि बसीयत संभाल रखी है मैंने . कभी मन करे तो अपने नाम करा लेना. 4: बेवफा शहर में वफा बेच रहे हो इश्क के मरीज हो क्या Ankur . जो मुर्दा शहर को कफ़न बेच रहे हो
As he sipped that orange juice, He could feel its bitterness. Maybe even that juice was Missing those days when there were two Straws D R I N K I N G It instead of one.
मेरे sare सपने chakna चूर हो chuke हैं, Mere सारे apne मुझसे दूर हो chuke हैं, Kl गए थे hum भी mehfill में गम bhulane को, Ab हम vha के peene वालो में mashoor हो chuke हैं!!