" अर्ज किया है "
गर aapka दिल par मेरे ekhtiyar ना hota,
To मेरे Dil को aap पर यूं Aitbar ना hota ,
कहां dhadakta है dil हर kisi के aane se,
Gar आपका ishq इतना asardar ना hota,-
ताजमहल की खूबसूरती से
प्यार का एहसास होता है
दौर कोई भी हो
प्यार बेशुमार होता है
दीवानगी कहते हैं कुछ लोग इसे
और कुछ के लिए
ये इबादत से भी खास होता है-
मैं जानता हूँ थोड़ी सी दीवानी हो तुम
लेकिन मेरे दिल कि महरानी हो तुम
मेरे इस दिल की तपती वसुधा पर
वर्षों बाद पड़ी वर्षा कि बूंद हो तुम
मेरे दुःखो का निवारण करने वाला
कोई चरणाअमृत का पानी हो तुम
मेरे इस जीवन की भरी दोपहरी मैं
जैसे कोई बरगद की छाँव हो तुम
बड़ी मिन्नतें करने के बाद मिला वो
अनमोल जमजम का पानी हो तुम
भावना के मोतियों को जोड़ने वाली
मानो मेरी कोई बैकुंठी माला हो तुम
कपिल अब कितनी नज्में लिखे और
कैसे बताए कि मेरे लिए क्या हो तुम-
ना जीने का शौक है
मरने की तलब रखते हैं.....
दीवाने हैं हम दीवानगी गजब रखते हैं..-
Ab Dil Yeh Tere Bina,
Maanta Hi Nahi...
Kuch Bhi Tere Siwa ab,
Maangta Hi Nahi...
Tu Zaroori Sa Hai,
Ab Toh Har Haal Mein..
Iske Aage Koi aur,
Raasta Hi Nahi...
Aaa Tujhme Fanaah,
Kar Doon Meri Zindagi.!!-
तेरी दीवानगी के क़ायल हुए जाते हैं हम
क्या कहें अब
बिना तीर ओर तलवार के घायल हुए जाते हैं हम
कुछ तो नज़रें रहम कर अब,,,,,मुझपे ओ साक़ीब
यूँ ही भरी महफ़िल में रुसवा हुए जाते हैं हम
ना कर सरेआम ज़िक्र तू मेरा अब
बेवजह तेरे शहर में बदनाम हुए जाते हैं हम
-
एक शीशे ने एक पत्थर से मोहब्बत कर ली
टकराकर उसने पत्थर से अपनी दुनिया
चूर चूर कर ली , शीशे की दीवानगी तो
देखो , उसने अपने हज़ारों टुकड़ों में भी
पत्थर की तस्वीर भर ली
-
सुबह उठते ही उसकी आवाज सुनकर
मेरा तो दिन ही बन जाता है
जो देदे वो चुम्मा बिना कहे,
तब मेरा तो दम ही निकल जाता है ।-
वो हमें हमारी सूरत से
नहीं पसन्द करते तो क्या हुआ !!
हमें यकीन है ,
एक दिन....
अपनी शायरी से हम
उन्हें अपना दीवाना बना लेंगे !!-
रहने लगे जो मेरे दिल में,
तो तुझे जन्नत भी रास ना आयेगी,
जो तुझपे हक जताने लग जाऊँ,
तो कोई चुड़ैल पास ना आयेगी ।-