बाद मुद्दतों के मुझे एक तेरा ख़त मिला है
लिए हाथों में सोचती हूँ कि अंदर क्या लिखा है
के.......
अब तेरी इश्क़ की गहराईयां कोई मायने नही रखती
मैं रूठूँ तू मनाये...…..ये रीत भी बेमानी है लगती
तेरे जाने का सबब जान कर
मुझे कोई हैरानी तो देगा नहीं
तू कहाँ है .....
किस हाल में है
अब इस दिल को बेचैन करेगा नहीं
हाँ..... ये ख़त मैं सम्भाल कर रखूंगी जरूर
कहीं तू मिला तो तेरी अमानत तुझे वापस करूँगी जरूर-
तेरी आँखों की इस दुनिया में
मेरा एक जहां बसा हुआ है
एक सैलाब के आने से
मेरा डूब जाना मुमकीन है-
यक़ीन था मुझे वो संभाल लेगा
मुझे.....मेरे इश्क़ को
यकीन था मुझे वो रखेगा ख्याल
मेरी अनकही बातों का
मेरे जज़्बातों का
पढ़ लेगा चेहरे को मेरे
मेरी आँखों में अनकहे किस्सों को
मेरे खामोश लफ़्ज़ों के अधूरी कहानियों को
पर........
ये वहम था मेरा .....सिर्फ एक वहम||||||
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यादेँ ही तो हैं.....
मिट ही जाएंगी.....
कभी जो खुशी की वजह थी
एक दिन ग़म की वजह भी बन जाएंगी
आंखों की पोरों में छुपा लेंगे हम
किसी कोने में दिल के दबा देंगे हम
जो न छिप सकी फिर भी अगर
तो धीरे से धारों में बह ही जाएंगी-
सारी खुशियाँ मिल जावन ते
पीछे की रह जानां
तेरे बाद में कुज वी नई ए
दिल नु ऐ समझावां-
बहोत मुश्किल होता है इस दिल को समझाना
जब आपको खुद से खुद के लिए लड़ना हो
जब हार कर भी सिर उठा कर चलना हो
बहोत मुश्किल होता है...............
जब किसी के साथ के लिए दिल तड़पे
और उसका नज़रों से ओझिल हो जाना
बहोत मुश्किल होता है..................
अपने ही हाथों अपने अरमानों को जलाना
और उसी राख़ को सहेज कर रखना
बहोत मुश्किल है.................
काश.........।।।।।।।।।
जिन्दगी को जीने के पैमाने न होते
इस दिल में कोई अरमां न होते
अपने तो होते .....पर कोई ज़ज़्बात न होते
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ये इश्क़ मोहब्बत के किस्से अब सिर्फ
पन्नों पर ही जंचते हैं
हक़ीक़त के रिश्ते कुछ और ही दास्तां बयां
करते हैं
फुरसत नहीं किसी को भी......
किसी का हाल-ए-दिल पूछने की
ये वही लोग हैं जो कभी बिछड़ जाने पर
अपनी दुनिया बिखर जाने की बात करते हैं
दो पल का वक़्त तो किसी को दे ना सके जो
उम्र भर हाथ थाम कर चलने की जुबां देते हैं
पूरे जहान का हाल इनके पास रहता है
पर अपनों की ही ख़ैर-ख़बर से अंजान रहते हैं
सिर्फ कुछ वक्त का ही तो तक़ाज़ा होता है
अपनों का साथ पाने के लिए
उस वक़्त को देने के लिए भी ये
दुनिया जहान की दुहाई देते हैं
उफ्फ्फ.........
ये इश्क़ मोहब्बत के किस्से
किसी के दिल हालात से कितने महरूम रहते हैं
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मेरी हसी को वो दिल्लगी समझ बैठा
वो क्या जाने इस हसी ने कितने ग़म छुपा रखें हैं
गर इश्क़ होता तो ....पढ़ता मेरी आँखों को
गर इश्क़ होता तो....पढ़ता मेरी आंखों को
के इन आँखों ने कितने सैलाब बांध रखें हैं-
कुछ टुकड़ों में जिंदगी बसर हो गयी
कुछ टुकड़ों को समेट लिया है मैंने
कुछ अंधेरे पार कर लिए
कुछ अंधेरे अभी साथ है मेरे-
There is nothing permanent in your life
Even your tears leave you
When you couldn't control your emotions.....
And the secret is...
**Emotions are permanent**-