चलो आज तुम्हें उनकी एक 'लेटेस्ट' कारस्तानी बताता हूँ
इस दीवाली की उनकी 'शॉपिंग' वाली दास्तान सुनाता हूँ
मैडम ने इस दीवाली की कुछ ऐसी ख़रीददारी
सिर भारी हुआ मेरा और पूरी 'जेब' हुई खाली
मुझे दीवाली गिफ़्ट देने का प्लान बनाया उन्होंने
बाज़ार के कोने-कोने का चक्कर लगाया उन्होंने
पर 'सरप्राइज' कुछ अलग देना चाहती थी मुझे वो
हर 'ऑनलाइन शॉपिंग साइट' के खून पीती रही वो
फ़िर घूम फ़िर कर हमारे लिये उन्हें एक कुर्ता पसन्द आया
वो कुर्ता उन्होंने हमारे नाम से हमारे ही पते पर भिजवाया
'डिलीवरी-बॉय' आया हाथ में लिये एक 'गिफ़्ट-रैपड' डब्बा
हम ख़ुश हुऐ दीवाली पर कोई तो 'गिफ़्ट' आया हाय रब्बा
जैसे ही हमारे हाथ में वो पैकेट आया
हमारा सिर और दिमाग 'भौचक्काया'
भेजने वाले भी हम थे, 'पाने वाले भी हम'
जिसको 'बिल' था चुकाना, 'वो भी थे हम'
( पूरी कविता कैप्शन/अनुशीर्षक में पढ़ें... )
- साकेत गर्ग 'सागा'-
பணமிக்கவனின் பசியைப் போக்க
பட்டினியுடன் பறக்கிறான் ஒருவன்
பிளாட்பாரம் வழியே விரையும்
பீட்சா பைக்கின் சத்தமும் புகையும்
பசித்தீயில் சீஸ் இட்டே செல்கிறது
நேரம் தவறினால்… வருகின்ற
ஒரு வேளைச் சோறும் தவறும்
சாலை விதிகளை மீறிப் பழகி
சாலையிலே விதியையும் முடிக்கிறான்-
We are so glad to have you guys. Even during this pandemic you helped and delivered us whatever we wished for. You filled the empty stomachs, you fulfilled the wishes of a lazy one even if it's dangerous to come out from our houses. You risk your lives to come in time and deliver the product and so on this day I wanted to appreciate you, your work and everything. But in doing so you are risking your lives so please take care of yourself too. You may work for money but it isn't everything, there might be someone waiting for you at home, so in the name of delivering the product too fast don't neglect the one who is waiting for you at home, drive slow and safe. Thanks for your hardwork not only during this pandemic but also in normal days.
Thank you so much for letting me be at home and you working for people like me.
Yours,
Lazy one.
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जनकल्याणकारी राष्ट्र की जमीनी सच्चाई का विवरण
आम वर्ग
1. छोटे किसान- न सही दाम नहीं, न सही ब्याज़ दर,
कर्ज़ कड़क वसूली, बिज़ली क़िल्लत !
2. असंगठित मजदूर - कम काम, कम दाम, मंहगाई !
3. रेडी टपरी वाले - रोज हफ्ते का बोझ, कम कमाई !
4. छोटे व्यवसायी - क्लिष्ट कर कानून, बड़ो से स्पर्धा !
5. घरेलू नौकर - मेहनत का काम, कम दाम, महंगाई !
6. सुशिक्षित कुली - जैसे तैसे गुजारा, मनमाना शोषण !
7. कुड़ा बीनने वाले - मेहनत,जैसे तैसे गुजारा,आरोग्य !
ख़ास वर्ग
1. बड़े उद्योजक/घराने - सत्ता में भागीदारी ।
2. राजनेता - सब जानते हैं सेवा बनाम मेवा ।
3. सरकारी कर्मी - वेतन आयोगों की मेहरबानिया ।
4. अपराधी माफ़िया - हफ्ता, समानांतर न्याय व्यवस्था ।
5. डॉक्टर वकील सीए - बड़ी कमाई, हाथ जुड़वा के ।
6. निजी शिक्षण सम्राट - एडमिशन व वार्षिक फीस ।
7. बहुराष्ट्रीय संस्थान - सारी अनुमतियां सहज ।-
I don't understand why some people flag delivery guys as spam, those are the most important calls i get.
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गांवों के हसीन चेहरे जो किसी से नहीं मिलते,
वो Delivery Boy से अक्सर मिलते हैं-
Khauf faila kar tumhe kya mil gaya ,
Humne to kam se kam dusron ka paet bhara ,
Aur unki chehron ki khushiyaan se humne apna paet bhar liya....
#FOR ALL FOODS AND PRODUCTS DELIVERY BOYS-
Its better to be late a little
But
Come safely
Someone is wating for you at your home....
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Delivery boy
कंधे पर होती है इनकी कीमती महंगे समान
ये चीजे न होती है इनकी
घर घर जाते हैं देने इन चीज़ों को
पर जाते नहीं लेकर ये चीजे अपने घर कभी
शौक होते हैं इनके भी
लेकिन है घर की जिम्मेदारी भी इनके कंधे में ही
कोई फर्क नहीं पड़ता हैं ये घर में छोटे या बड़े
अपनी जिम्मेदारी उठाना है इन्हे खुद ही
भले ही न मनाए ये अपना जन्मदिन
पर समय से पहुंचाते है ये केक
भले ही न मिले तौफे इन्हे
पर दे आते है उन्हे उनके तौफे
बारिश गर्मी ठंडी कुछ न देखते हैं ये लोग
ऐसा नहीं है जो ये देखना नहीं चाहते
पर हलात होते हैं ऐसे इनकी
जो इन्हे देखने नहीं देते
कभी देर हो जाने पर
लोगो की डांट तो कभी ताना सुनना पड़ता है
हर पल उन्हे उनकी औकात याद दिलाकर
उन्हे उनकी गरीबी याद दिलाया जाता है।।
-Aaliya
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