मौत से मिली मोहलत है ज़िन्दगी,
मौत की ही बदौलत है ज़िंदगी।
ज़िंदगी है तो बस एक इंजतार,
महदूद कोई वक़्त है ज़िंदगी।
मौत है मरहम हर ज़ख्म का,
मौत के लिए ही आहत है ज़िंदगी।
मौत है तो है पुर-सुकूँ हर साँस,
मौत नही तो हताहत है ज़िंदगी।
मौत है सच और ज़िंदगी झूठ है,
मौत है सही और गलत है ज़िंदगी।
मौत तो बस भूखी है ज़िंदगी की,
मौत की इकलौती दावत है ज़िंदगी।-
The left over dinner
Thrown away by the rich
Made a daawat
For the poor hungry boy.-
आज तुमको बुलाएँगे हम इश्क़ की दावत में...
तुम्हारी तश्तरी में हम अपना दिल परोसेंगे...-
Hr jgh
Tyohar ishq ka ....
or dawat jism ki nahi hoti ..
Kyi jgh ...
Mohabbat rooh se rooh ki bhi hoti hai
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सियाह ज़िन्दगी में, तेरे अक़्स के उजाले आय-हाय
तेरी ज़ुल्फ़ों की छांव, वो बाल तेरे काले आय-हाय
मुझे तन्हा बैठे-बैठे दावत लूटने में स्वाद कैसे मिले,
याद है, तेरे हाथ से सुखी रोटी के निवाले आय-हाय
आय-हाय ये मिज़ाज आय-हाय तेरे अंदाज़, रे इंसां
जंगल काट ये बोले, ए ख़ुदा मुझे बचा ले आय-हाय
मोहब्बत और दुखड़ों के बिना कोई कुछ पढ़ता नहीं,
हम किस के लिए अब सियाही निकाले आय-हाय
महफ़िल में लगा दी लड़ियाँ तरानों की जिनके लिए,
अब वो ज़ालिम भी तो कोई नग़मा गा ले आय-हाय
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Behtreen Dost_
Jo Neki Ki Taraf Daawt De...
Behtreen Daawt_
Jis Me Gareebo Ko Nazar-andaaz Na Kiya Jaye..!!
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Mere haarne ka kuch aisa anjaam hua
Mere haarne ka kuch aisa anjaam hua
Jo gair the unhone dukh jataya, Aur jo kabhi
Apne the unke yaha daawat ka intezaam hua-
आज बुलाया है बारिश को,
इश्क -ए- दावत पर...!!
अश्क हैं कि चले आते हैं..
बिन बुलाये !!!-