मैं यदि किसी दिन
भूल जाऊं तेरा नाम
तो यकीनन
मैं तुझे प्रेम में
दीए गए किसी नाम से
पुकारूंगा
जो मैं भूल जाऊं
शायद वो नाम होगा
और याद रह जाएगा
बस प्रेम।-
एक पूरे दिन में होते हैं
कई हज़ार लम्हें
हर लम्हें में होते हैं
कई हज़ार साल
आज तुमसे बिछड़कर
एक और दिन बीत गया-
कैसे मिल जाते हैं आग और पानी जैसे लोग
मैं पानी होकर भी उसकी आंखों का ना हो पाया
-
मैं यदि किसी दिन
भूल जाऊं तेरा नाम
तो यकीनन
मैं तुझे प्रेम में
दीए गए किसी नाम से
पुकारूंगा
जो मैं भूल जाऊं
शायद वो नाम होगा
और जो याद रहेगा
वो बस प्रेम।-
मैं चित्र नहीं बना पाता पर रंग भर लेता हूं। मुझे मालूम है रेखा से बाहर रंग जाने से चित्र बिगड़ जाता है। इसलिए मैंने कभी रेखा से बाहर रंग नहीं भरा और ध्यान रखा सीमाओं का। ज़ुल्फो का काला, होंठों का लाल, शर्माते चेहरे का रंग गुलाबी, ये सब रंग पता हैं मुझे। पर नियति का रंग आज भी नहीं पता। मैं रंग रहा अपने सपने अपनी किस्मत सीमाओं से बाहर और बना रहा एक टेढ़ा-मेढ़ा चित्र तुम्हारा जिसमें रंग भरूंगा सीमा के बाहर।
-
लगेगा अंत निश्चित है
झुकने लगेंगे कंधे
सूख चली होंगी आँखें
हिम्मत जवाब दे चुकी होगी
फिर याद आएगा किसी का प्रेम
जीवन में नव रस भर देगा
नई कोपलें फूट पड़ेंगी
और सब बेहतर हो जाएगा-
तुम हो किसी परी देश से
ढूंढू तुम्हें मैं ख़ाक छानता
या शायद तुम एक बड़ा शहर हो
और मैं भटकता एक बेरोजगार यूवा-
हम ज़िद्दी कब थे जो सांचे में ना ढलते,
तुमने जो सोचा होगा हम वो वो होते गए।-
मैं कहूं तुझसे, इश्क है
तू झटक जुल्फ, उलझन बढ़ा
बड़ी दिलकश ये अदा तो है
मैं मासूम, मुझे मतलब बता
रोके मुझे मेरी हदें जो है
तू झुका पलकें, पास बुला
मैं जो आ बैठूं पहलू में
तू अपना घर का नाम बता
मैं नींद का हूं रातों में
ख्वाबों का गलत शौंक मुझे
एक शोर से मुझे जगाकर
मेरी नींद पे अपना हक जमा
मैं सोच सोचकर परेशान रहूं
हम किन बहानों से मिल सकते हैं
अपने आंचल से साफ कर चश्मा
चुपके से तू मेरी ओर दे बढ़ा
तू छू मुझे, मेरा हाथ पकड़
तेरे होने का एहसास दिला
मेरा नाम तो ले, आंख मिला
एक कदम बढ़ा कर नब्ज़ बढ़ा-
चांद, रातें, पेंट ब्रश, जुगनू,
लम्हें, झुमके, पाजेब, तराने,
कहानी, कुल्फी, और सफर
मैं वो सब होना चाहता हूं
जिससे तुम्हें हो जाता है प्रेम-