हर रोज हर पहर नुक्कड़ों पे धुंए उड़ते देखा है मैंने ,
एक सिगरेट से तो अनेकों लबों को छूते देखा है मैंने ,
अक्सर युवाओं को खुलेआम धुंए उडाते देखा है मैंने ,
धुंए के इस जानलेवा लत में बहुतों डूबते देखा है मैंने,
कई प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी ये धुएं उड़ते देखा है मैंने,
सुट्टे जैसे नामों से भी इसे सम्बोधित करते देखा है मैंने ,
एक हाथ मे चाय दूसरे में सिगरेट तो अक्सर देखा है मैंने ,
धुंए को फ़ेफ़डे में रखने की कला अबतक ना जाना मैंने ,
ना जाने क्या मिलती होगी इस जहरीली धुँए अंदर लेने से ,
कॉलेज के इन दिनों में ऐसा अक्सर होते देखा है मैंने ,
यहाँ तो रोज़ नए नए लोगों को लत लगते देखा है मैंने !!😶
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