Rahul Singh   (♛𝕽𝖆𝖍𝖚𝖑♛)
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Joined 6 May 2021


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2 APR AT 22:16

नज़रअंदाज़ करने का ज़माना है,
ये पतझड़ तो सिर्फ एक बहाना है

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28 MAR AT 15:52

मौसम-ए-मिजाज
अब गर्म हो चला है
//
बेजुबान परिंदों को शायद
पानी की
जरूरत है

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24 FEB AT 21:51

दिल में है बेचैनी
मन में तूफान है
भावनाओं को सभाँलिए
आज
//
पूनम का चाँद है

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16 FEB AT 12:07

मन जिसके वश में, जीवन उसका यश में

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5 FEB AT 7:29

गर मिले तो अश्रु से श्रृंगार प्रभु का मैं करूँ
नभ धरा पाताल देखे प्रभु का वंदन मैं करूँ
बिल्व पुष्प भभूत चंदन प्रभु को मैं अर्पण करूँ
शिव ही जाने शिव को जो उस शिव का वर्णन क्या करूँ...

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1 FEB AT 12:18

दिलों के एहसास से खेलने, लो फिर एक फ़रवरी आ गई..

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30 JAN AT 22:27

शहर बनते रहे
इमारतें ऊँची होती गयीं ..
लोगों की जरूरतों ने
मुझसे,

सुबह का सूरज छीन लिया

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28 JAN AT 12:32

चाय संग अख़बार है
मौसम गुलज़ार है
दफ़्तर है बंद
शायद
जनवरी का आखिरी इतवार है

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26 JAN AT 22:22

मसरूफ़ हूँ ज़िन्दगी की जद्दोजहद में
//
तुम्हे देखने की फुर्सत हमेशा रही है

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24 JAN AT 17:46

चादर की सिलवटों में
तेरी तस्वीर पड़ी थी
और फिर
//
हम मोहल्ले में
बदनाम हो गये..

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