Mohd. Zunaid  
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मैं तेरे बेवफा होने से परेशान नहीं, दिल लगाने के लिए अभी सारा जहां पड़ा है...
Joined 12 November 2019


मैं तेरे बेवफा होने से परेशान नहीं, दिल लगाने के लिए अभी सारा जहां पड़ा है...
Joined 12 November 2019
1 MAY 2021 AT 20:12

हज़ारों की भीड़ में खुद को तन्हा पाता हूं
बाहर से पूरा, अंदर से खोखला पाता हूं
लड़ने लगा हूं अब अपनी ही तन्हाइयों से
खुद को बंद कमरे में महफूज पाता हूं

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24 MAR 2021 AT 15:31

तू जिसकी भी जोजा बने
खुदा बक्शे उसे...बो तौबा करे
हजार नकाब कोई कैसे रख सकता है एक चेहरे पे
आए ये दुनिया तुमसे तालीम हासिल करे...

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9 MAR 2021 AT 21:38

उसके हाथों की कठपुतली बन गया था मैं,
ना चाहते हुए भी उसका गुलाम बन गया था मैं,
मानता था खुदा को मैं भी कभी
उसके हुस्न की परस्ती करने लगा था मैं,
इंसान तो मैं भी ईमान वाला था
साथ उसके काफ़िर होने लगा था मैं,
जैसा चाहती वैसा नचाती बो मुझको
सामने उसके तवायफ सा बन गया था मैं,
उसके हाथों की कठपुतली बन गया था मैं
ना चाहते हुए भी मुर्दा सा गया था मैं...

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30 JAN 2021 AT 18:57

बस तेरा ही सहारा था
अब बो भी छूट गया
मैं ऐसा मुसाफ़िर हूं
जो रास्तों से होकर भी
मंज़िल को भटक गया...

किसे तराशता रहा मैं चांदनी रात में
कौन था बो...जो मुझसे मिलकर भी मेरा ना हुआ
बातें तो हुई बहुत सात जन्मों की मगर
साथ इस बार भी मुकम्मल ना हुआ...

देखकर लगता था उसको मानो खरा सोना हो
पास जाके देखा तो चांदनी बिखरी थी
और जिसके कांधे मैं सर रख सोया
शायद ख़्वाब में कोई परियों की कहानी थी...

उसे लगता है सारी कोशिशें गलत थीं मेरी
सही रास्तों पे होकर भी मंज़िल गलत थी मेरी...

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17 JAN 2021 AT 17:28

BO BAZAR M NAGAT DIL HAAR KE BEETHE THE APNA
KUCH MERE JAISE AAYE TO UNKI KIMAT BDA DI

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7 JAN 2021 AT 14:50

गले में ज़खम है...आवाज़ नहीं आती...
आंखो में कुछ ऐसा है....वो पहचान नहीं आती...
कोई जाके बताओ उसको यार
वो बातें फर्जी है सारी...
और ये भी झूट है
कि
जुनैद को तेरी याद नहीं आती....

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3 JAN 2021 AT 11:25

लोग कुछ इस तरह उसे चाहते थे
मर जाने के बाद भी उसका हो जाना चाहते थे...
जो उसे महज छू भर लेता था
पत्थर बन जाता था...
और हम
फिर भी
उसके जिस्म ओ फलक तक होके आना चाहते थे...

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28 DEC 2020 AT 8:05

जिन रास्तों पर मैं चला,
बो सारे गलत थे...
एक अरसे बाद खबर हुई कि
मेरे कमाए हर सिक्के गलत थे...

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16 DEC 2020 AT 7:34

कोई तो है जो मेरे हक में बद्दुआ कर रहा है
अचानक मेरी हालत कभी इतनी नहीं बिगड़ी...

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13 DEC 2020 AT 21:59

चंद चुस्कियों में जिंदगी जीना चाहता हूं
मैं तेरे लबों पे लगी चाय पीना चाहता हूं...

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