शब-ए-इश्क में जब वो हद से गुजर गया होगा
रंग-ए-हया से फिर रुख्सार निखर गया होगा
जुल्फों के साये में कुछ वक़्त तो गुजरा होगा
नज़रें मिलाके दो पल को वहीँ ठहर गया होगा
सुर्ख़ लबों पे बोसों की बारिश जो हुई होगी
मय का हर घूँट हलक में उतर गया होगा
बाँहों के घेरे जब ता-कमर पहुँचे होंगे
कैद में उनकी फिर महबूब बिखर गया होगा
चाँदनी रात जो गुजरी होगी वस्ल की आगोश में
सहर होते ही 'मौन' फिर जाने किधर गया होगा-
मौसम बदले बहारे बदली
मगर कुछ न बदला तो वो
चाँद और उसकी चांदनी
कभी नाराज होती चांदनी
तो झट से मनाया करता चाँद
एक पल भी ना दूर रहते
एक दूसरे के बिना....
चाँद प्यार तो चांदनी एहसास
रहे हमेशा एक दूसरे के साथ
जन्मो जन्म ना हो कभी जुदा
इतना प्यार दोनों में हो रूहानी
बस इतनी सी दास्तान है सुनानी
आज भी मन मोह लेती है
उनके प्यार की रवानी
आज भी जानते है लोग
उनकी कहानी जबानी
इसलिए चाँद से दोस्ती पुरानी.....
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महज चंद रातों की चांँदनी...
मेरे संग बिताया उसने...
फिर अपने हाथों हमारे प्रेम का...
जबरन गला दबाया उसने...-
जब ख्वाबों की पटरी से...
तेरी यादों के रेल गुजरते हैं...
दर्द उठता है सीने में...
आंँखों से आंँसू बहते हैं...
चांँदनी रात होते भी...
जब अंँधेरा छा जाता है...
कुछ यूंँ मेरे प्यार को...
तेरे पैरों से मसला जाता है...
तेरे पैरों से मसला जाता है..-
मुद्दत बाद
वो चांद फिर नज़र आया
पर हयत में वो अपनी
चमक सितारों को ही सौंप आया-
रूठा हैं चाॅंद बात मनाने की आई,
क्या करें चाॅंदनी.. चाॅंद जो करें मनमानी ।
रूठी हैं कहानी तकदीर को मनाने आई,
क्या करें किस्मत.. अधूरी मुकम्मल मैं कहलाई ।।
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चाँद को अगर नींद आये तो काफी है तारों की सेज,
सभाँल के रखना कदम चाँदनी अँधेरे का माँजा है तेज..!!-
💕आसमानी स्याही की धुंध पसरी है,,
आज चांदनी कोई फिर वजूद खोयेगी!!💕-