पता नहीं क्या खेल खेला है
क़ुदरत ने..
जो इंसानियत बह गई!
धर्म के नाम पर हिंदुस्तान में ही,
हिंदू होने की…
क़ीमत जो चुकानी पड़ गई !!-
Bass dil ki baat kehte hai..❤
उसे शिकायत है कि इतवार के अलावा हम याद नहीं करते,
ये बात कुछ और है कि.. हम जताया नहीं करते !!-
कितना आसान सा लगता है सब कुछ.. ख्वाबों में
और ये एक हक़ीक़त है जो इम्तिहान माँगती है.. हर क़दम पे !-
चाँद सितारों से बात कर
आज तक थकी नहीं
उम्मीद लौट आने की थी,
जो कभी बुझी ही नहीं
वो हौसलों का
कितना शानदार मंजर था, कि
इतिहास लिखने से पहले ही मैं..
आसमान में मौजूद था ।
आज ज़मीन से उस चाँद को
ताक रही हुँ
और वो मुस्कुरा रहा है देख,
कि कल तक मैं उसकी
मेहमान रही हूँ..!!!-
Paya tho usse boond itna bhi nahi hai
aur khone ka dar samandar jitna !! 💚-
हमने मुकम्मल रिश्तों में भी, इश्क़ अधूरा देखा है..
हमने अधूरे रिश्तों में भी, इश्क़ पूरा देखा है !!-
साहित्याने जपली संस्कृतीची मान,
तुकोबांच्या ओठी गाजली अभंगांची तान.
हीच माझी मातृभाषा, हीच माझी ओळख,
शिवरायांचा अभिमान आणि तिच महाराष्ट्रा ची खरी ओळख.
शब्दांनी सजली संतांची ही गाथा,
महाराष्ट्राची माया, कलेचा अनोखा ठाठा.
कलावंतांच्या स्वप्नांना मिळो नव्या दिशा,
अभिमानाने मिरवतो, ही मराठी माझी भाषा.
मराठीच रक्त, मराठीच श्वास,
मातृभूमीसाठी सदैव उभा हा विश्वास.
गौरव महाराष्ट्राचा मनी बिंबलेला,
मराठी शब्दांमध्येच माझा शृंगार सजलेला.-
गौरा तैयार खड़ी है देख..
आयी शम्भू कि बरात हिमाचल नगरी रे,
दूल्हा बने हैं भोलेनाथ संग नंदी सवारी रे ॥-
हम किस किस्सों में उलझे हुए हैं और ज़िम्मेदारियाँ हमें क्या सिखाना चाह रही है..
जो ये जान गया,
वही ज़िंदगी जीने का सलीका सीखा है॥-