बादल भी जाने क्या पैग़ाम लाते हैं
याद तेरी आती है और बात बूंदों से हो जाती है॥-
Bass dil ki baat kehte hai..❤
ॐ का जाप था, शिव का नाम था, धाम केदारनाथ था ।
बारह बरस बीत गए, कुदरत ने अपना कहर सुनायॉं था ।
गूंज महादेव की थी और मंजर तबाही का था ।
तारीख मोहताज बनी है उस पल की..
जिसका रहस्य कोई सुलझा न पाया हैं आज भी ।
बिछड़ो के ज़खम शिव... तू अब कैसे हरेगा.. और
बोल उन मुस्कान का क्या जिसने सैलाब में भी
हर हर महादेव गाया था !!-
हमें ना बताईए इश्क़ की तहज़ीब,
मैंने एक उम्र… बस उसे दूर से देखा है ॥-
वो ही है कि मुलाक़ात की हिम्मत नहीं रखते ,
हम तो हर वक़्त चाय तैयार रखते हैं!-
राजकुमारी थी वो विदर्भ की, पर हृदय था द्वारका में,
सुनती थी कान्हा की मुरली, हर स्वर था जीवन में।
कृष्ण का नाम जपती रही, जब कोई ना था उसके पास,
एक पत्र में लिख दी प्रीत अपनी किया हृदय का विश्वास।
रथ पे आया वो साँवरिया, लेकर प्रेम का संदेश,
भूल गई वो राजमहल, थाम लिया उसका वेश।
ना माँगा सिंगार कभी, ना माँगा कोई सिंहासन,
चाहा बस उसका साथ, और मिलन का एक आवासन।
अब चंद्रभागा के तट पर, खड़ी है युगों युगों से,
विठोबा संग रखुमाई, हरने भक्तों के दुख सारे।
प्रेम की जो भाषा बोले, वो रुक्मिणी सी नारी,
त्याग, समर्पण और श्रद्धा जिसकी सबसे बड़ी है सवारी।-
हर व्यक्ति अपनी स्थिति से संघर्ष कर रहा है।
इसलिए हर मौन अहंकार नहीं होता ॥-
खुदा ने कहा भुला क्यों नहीं देते तुम!
मैंने कहा इतनी फ़िक्र है, तो मिला क्यों नहीं देते तुम ❣️-
दुनिया में इतनी रस्में क्यों है..
प्यार अगर ज़िंदगी है..
तो इसमें कसमें क्यों है..
हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई..
दिल अगर अपना है..
तो किसी और के बस में क्यों है !?-