RUGVEDA BHOYAR   (RUGVEDA BHOYAR)
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Likh ne ka shauk nahi
Bass dil ki baat kehte hai..❤
Joined 7 June 2020


Likh ne ka shauk nahi
Bass dil ki baat kehte hai..❤
Joined 7 June 2020
23 JUL AT 19:24

ज़मीन से दूर, आसमान के करीब,
फिर भी दिलों में बसती है तन्हाई अजीब।
ऊँची इमारतों में खो गया है सुकून,
हर मंज़िल पर बस दौड़ता है, ज़िंदगी का जुनून।

चमकते शहरों में अँधेरा बहुत हैं,
यहाँ ज़िंदा तो हैं सब, पर जीते बहुत कम हैं।

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20 JUL AT 23:39

शिव है योग, तप और ध्यान
कृष्ण है प्रेम, रास और गान
शिव है शांति, कृष्ण है प्राण
सावन का महीना और…दोनों का वरदान ॥

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19 JUL AT 18:34

SAIYAARA ❤️

स्याही से लिखे ख्वाबों में
वो हर रोज़ उसे जीती रही,
अल्फ़ाज़ों में उसकी मोहब्बत
बूँद-बूँद बरसती रही।
वो गुनगुनाता रहा बिना जाने,
उसी को हर एक पल में,
मिलन की वो घड़ी आई तब,
खुदा भी मुस्कुराया उस राज़ में।

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18 JUL AT 17:26

आज शाम के चौखट पर ज़िंदगी हिसाब पर बैठी,
हर ख्वाब की कीमत लिए वो नक़्शे-ख़िताब पर बैठी।
जो हँसी में ढक गए, वो आँसू गिनने लगी,
हर सफ़र की थकान अब इक किताब पर बैठी।

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5 JUL AT 23:31

अठ्ठावीस युगांची मालकीण… ती बनूनी सावली पाठीशी ठाम उभी आहे,
म्हणूनच विट्ठला साठी रुक्मिणी खास आहे ॥

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22 JUN AT 12:28

पंढरीचा रस्ता,
वारकऱ्यांची शान,
हातात टाळ,
ओठी विठ्ठलाचे गान।
डोंगर, रान, वारा गातो
“ राम कृष्ण हरी”,
संतांच्या चरणी मिळतो
जीवाला ठाव।
रुक्मिणीसमोर डोळे
भरून येतात रे,
वारीतच खऱ्या विठ्ठलाचं
दर्शन घडते रे।

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17 JUN AT 18:32


बादल भी जाने क्या पैग़ाम लाते हैं
याद तेरी आती है और बात बूंदों से हो जाती है॥

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17 JUN AT 9:34

ॐ का जाप था, शिव का नाम था, धाम केदारनाथ था ।
बारह बरस बीत गए, कुदरत ने अपना कहर सुनायॉं था ।
गूंज महादेव की थी और मंजर तबाही का था ।
तारीख मोहताज बनी है उस पल की..
जिसका रहस्य कोई सुलझा न पाया हैं आज भी ।

बिछड़ो के ज़खम शिव... तू अब कैसे हरेगा.. और
बोल उन मुस्कान का क्या जिसने सैलाब में भी
हर हर महादेव गाया था !!

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14 JUN AT 10:44

Live in the moment..
जाने कब
कौनसा हँसता हुआ चेहरा
तस्वीर बन जाए ‼️

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9 JUN AT 20:50

मैं तेरे ज़िक्र में भी नहीं और तू मुझे lafz lafz याद है !!

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