उम्मीदों के दरीचे से उजला-उजला सा ख्वाब लाया हूँ
ऐ तिमिर अब तूं जा कहीं,मैं सुकूँ का आफताब लाया हूँ
बड़े-बड़े शहरों में बड़ी - बड़ी हस्तियां देख ली है हमने
मगर जिससे जख्म भी डर जायें यारों वो जवाब लाया हूँ
सुना है अब तो पाक अंधेरे भी बेबस से नजर आने लगे हैं
तो ऐ रात जरा हंस ले,मैं तो खुशियों का महताब लाया हूँ
यूं दर-ब-दर कलम-ए- ख्वाहिश लेकर घुमता-फिरता था मैं
मगर जिससे खामोशी भी हक मांगे यारो वो किताब लाया हूँ
ऐ भुजाओं वाले , हमें डराना तो अब भुल ही जाओ तुम
तुम्हें शायद पता नहीं ,मैं सिंह से दहाड़ -सा रुबाब लाया हूँ
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खुदा ने कुदरती मोहब्बत रखी है भाई -भाई के ता'ल्लुक में
इस मोहब्बत में दिखावा कम और हक़ीक़त ज्यादा होती है
वक्त और फासलों का कभी मोहताज़ नहीं होता ये रिश्ता
क्योंकी इसकी इब्तेदा ही आगाज़ - ए - पैदाइश से होती है।-
Bhaiyaa....❤️
".....mErE jEEnE Ki wAjAh hAi woH..
MerE mUskUraNe ki wAjAh hAi woH.....☺️
mEre haR pRoblEm kA soLutioN hAi woH....😉
BiNa kaHein mERe daRd ko saMajhte hai woH...😇
Or woH kOii oR naHi Mere
PyAAre se bhAiya hAi woh....❤️❤️
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जब साथ हो आप जैसा भाई फिर दूर कहा पड़ाव ए मंजिल हैं ?
हार को भी जीत जाऊँगा मैं जो साथ है तू तो हर ख्वाहिश मेरी क़ामिल हैं!
झूठ कहते हैं वो लोग जो कहते हैं कि नहीं मिलते है लक्ष्मण इस कलयुग में आप मर्यादा पुरषोत्तम राम तो बन कर दिखलाओ!
जान देने को भी हाजिर हो जाते है ये दिल से जुड़े भाई तुम बस उन पर आदर और प्यार बरसाकर तो दिखलाओ।-
दोस्त है तू,भाई कम।
डांट खाए जो, मुझसे कम।
छोटी कहे ये मुझे,पसंद है ये नाम मुझे।
ये भाई है,ये भाई है।
ना राखी है,इसके हाथो में मेरी।
ना टीका है माथे पे,मेरे नाम का।
फोन पर कहे,तू जल्दी आ।
बहना बहना जल्दी आ।
साथ बैठ के करेंगे बातें,तेरी मेरी और उसकी बातें।
तू आ चलेंगे दूर,तू, मै और कोई और।
दोस्त है भाई कम,
दुनिया को समझाने को,ये बात है बेहद कम।
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"रौनक रहती चेहरे पर जैसे मधुकर हो हरियाली पर,
फुर्सत के दो पल मिल जाए, शाम को चाय की प्याली पर!
बहुत लिख लिया झुमकों पर, अब लिखना होठों की लाली पर,
रंगबिरंगी चूड़ी भी देखो, गौर करो कभी बाली पर!
हार चुके हैं दिल अपना, ना जाने किस मतवाली पर,
अकडू अडैल खुद हैं पर, दिल हारे भोली–भाली पर!
फूल लेती वो हाथों हाथ, इन्हें आता क्रोध उस माली पर,
आगबबुला होते जाते जब भी, लगते बड़े बवाली पर!
वारी जाते भैय्या मेरे , चुनरी की झिलमिल जाली पर,
जल्दी कर लो शादी फ़िर, नाचो भौजी की ताली पर!"-
......भाई......
लड़ता रहता है तु मुझसे दिन रात
पर मेरे बिना नहीं बनती तेरी बात
जज़्बात अपने कभी दिखाता नहीं
उसे फिक्र है मेरी ये जताता नहीं
दौड़ आ कर मेरी चोटी तु खींच जाता है
जब रोने लगुं तो प्यार से मनाता है
कोई बूरी नजर से देखे तो पड़ता उनपे भारी
भाई...तेरी यारी है सबसे प्यारी।-
यूँ तो तुझसे मुझे शिकायतें हज़ार हैं पर
तेरी हर शिकायत समझता मेरा प्यार है-
Rest assured the Almighty is always there to give you a bounce if you were drowning...
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Bhai ka pyar jindagi ke hr pl ko..
Beshaq, Khushhaal bna deti hai
chahe aa jaye lakh sitam....
koi bhi bhai apni behan tk
pehuchne hi n dete hain...
hr Behno ki aash hoti hai...
kash, hmare chehre kbhi udaas hi n hote..
phir, hmare Bhai kbhi Preshan hi n hote...
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