मुझको मिरे ही हाल पे अब छोड़ दीजिए,
कुछ तीस साल से मेरी क़िस्मत खराब है।-
बन कर राख़ एक दिन मैं भी कहीं बह जाऊँ... read more
"गणपति के कदम"
झूम रही है धरती देखो,
है झूम रहा घर-आंगन।
विघ्न हमारे हारने को,
ख़ुद आए हैं गजानन।
सद्बुद्धि मैं चाहूं तुमसे,
समृद्धि साथ में भगवन्।
साथ में लाओ लक्ष्मी भी तुम
ओ! मेरे लम्बोदर भगवन् ।
खो रखा हूं साहस अब मैं,
कांप रहे हैं पांव भी मेरे।
साहस मुझ में फिर भर दो ना,
थाम के मेरा हाथ गजानन।
विनती माता पार्वती ये तुमसे,
कहना इतना विनायक से,
जहां कहीं अब प्रारब्ध ले जाए,
चलें साथ गणपति के कदम।-
is like a "Dark Chocolate"
you may find the taste
more Bitter than
being Sweet.
But at the end it is the
Father's love that make you
strong enough, to fight and
stand in this cruel world.-
तन्हा सफ़र की मैंने शिकायत की सदा,
मैं नासमझ था नासमझ ही सदा रहा।
उसने घड़ा है मुझको उसे ही है सब पता,
बन हमसफ़र वो ख़ुद मेरे साथ ही रहा।
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ये कैसी मुहब्बत मुझे तूने अता की,
इज़हार की भी जिसमें इजाज़त नहीं दी।-